गुरुग्राम . अब पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करने के बाद उनको एक चिप वाला 15 डिजिट का यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा. यूनिक आईडी नंबर से गुरुग्राम नगर निगम के पास पालतू कुत्ते के बारे में सभी जानकारी होगी. इसके अलावा कुत्ते के स्वास्थ्य के बारे में भी डेटा निगम के पास रहेगा. पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए नगर निगम द्वारा पहली बार निजी एजेंसी को जिम्मा सौंपा गया है.
निजी एजेंसी शनिवार से सोसाइटी और कॉलोनियों में जाकर कैंप लगाएगी. कैंप में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन होगा. इसके बाद बाद कुत्ते को एक माइक्रोचिप में 15 डिजिट का यूनिक नंबर देने के साथ-साथ अलग से मेटल का एक टोकन भी मिलेगा, जिस पर पालतू कुत्ते का नाम, पता और मालिक की जानकारी लिखी होगी, जो पालतू कुत्ते के गले में हर समय रहेगा. इसे लाइसेंस कार्ड का नाम दिया गया है, जबकि पहले सिर्फ नगर निगम की तरफ से कुत्ते का रजिस्ट्रेशन करवाने पर एक पेपर पर जानकारी और टोकन दिया जाता था.
लाइसेंस कार्ड जारी होगा : नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष सिंगला ने कहा कि कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए नियुक्त निजी एजेंसी एक धातु टोकन और एक पालतू लाइसेंस कार्ड जारी करेगी. कुत्तों में इंजेक्ट करके एक माइक्रोचिप के साथ जानवर को टैग भी करेगी. इस माइक्रोचिप में स्वामित्व और ट्रैकिंग डेटा होगा.
सभी जानवरों का एक डेटाबेस निजी एजेंसी द्वारा बनाए रखा जाएगा. मालिकों को एजेंसी द्वारा पालतू जानवरों का लाइसेंस भी जारी किया जाएगा. हम सभी मालिकों और आरडब्ल्यूए से अनुरोध करते हैं कि वे आगे आएं और प्राथमिकता के आधार पर अपने कुत्तों का पंजीकरण कराना शुरू करें. निजी एजेंसी को परियोजना शुरू होने से तीन साल तक पालतू जानवरों का डेटाबेस बनाए रखने के लिए भी कहा गया है.
आरडब्ल्यूए को फार्म दिए जा रहे
निजी एजेंसी के प्रबंध निदेशक डॉ.अमित त्रिपाठी ने कहा कि वह शनिवार से कैंप लगाना शुरू करेंगे. वितरण का काम शुरू हो गया है और ज्यादातर आरडब्ल्यूए चाहते हैं कि कैंप सप्ताहांत पर आयोजित किया जाए. फॉर्म आरडब्ल्यूए को दिए जा रहे हैं. फॉर्म भरने के बाद हम एक माइक्रोचिपिंग शिविर आयोजित करेंगे और फॉर्म एकत्र करेंगे, जिसे नगर निगम में जमा किया जाएगा. इसके बाद निगम लाइसेंस नंबर जारी करेगा, बाद में लाइसेंस कार्ड और लाइसेंस नंबर वाला मेटल टोकन जारी करेंगे.
लाइसेंस एक वर्ष के लिए वैध होगा
पालतू जानवरों के रजिस्ट्रेशन के संबंध में एमसीजी के नियमों के अनुसार, 1 अप्रैल या उससे पहले निगम के अधिकार क्षेत्र में लाए गए कुत्तों के मालिकों को सात दिनों के भीतर कुत्ते का पंजीकरण कराना होगा. रजिस्ट्रेशन पर मालिक को एक धातु का टोकन दिया जाएगा, जिस पर मालिक का नाम और पता अंकित होगा. जिसे मालिक को हर समय कुत्ते के कॉलर पर लगाना होगा. लाइसेंस एक साल के लिए वैध होगा.