दिल्ली के तिहाड़ जेल प्रशासन ने कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है. जेल प्रशासन ने कुछ साल पहले भर्ती हुआ 50 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सस्पेंड होने वाले कर्मचारियों में 30 वार्डर, 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और 2 अन्य कर्मचारियों का नाम शामिल है. जेल प्रशासन ने दो दिन पहले इन सभी कर्मचारियों को नोटिस दिया और उन्हें सस्पेंड कर दिया है.
तिहाड़ जेल से कर्मचारियों को सस्पेंड करने की एक बड़ी वजह सामने आई है. बताया जा रहा है कि इनकी भर्ती फर्जी तरीके से हुई थी. आइये जानते हैं पूरा मामला क्या है…
दरअसल, साल 2020 में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा इन कर्मचारियों की भर्ती की गई थी. इन कर्मचारियों की भर्ती बायोमेट्रिक आधार पर की गई थी. बाद में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने इन कर्मचारियों के बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया. वेरिफिकेशन के दौरान 50 कर्मचारियों की फोटो और बायोमेट्रिक मैच नहीं हुआ. इसके बाद चयन बोर्ड को बड़ी गड़बड़ी का शक हुआ. बाद में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में एक अभियान चलाया. इस अभियान में 2020 में भर्ती हुए सभी कर्मचारियों के फोटो और बायोमेट्रिक का मिलान किया गया. अभियान के दौरान 50 ऐसे कर्मचारी पाए गए जिनका फोटो और बायोमेट्रिक मैच नहीं हुआ. इसके बाद इन कर्मचारियों को नोटिस देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
जांच के बाद जब कर्मचारियों का डाटा चयन बोर्ड के डाटा से मैच नहीं हुआ तो कर्मचारियों पर की सैलरी रोक दी गई थी. कर्मचारियों से जवाब भी तलब किया गया था. ऐसा कहा जा रहा है कि इन कर्मचारियों की जगह पर किसी और ने परीक्षा दी है. इस मामले की फाइनल रिपोर्ट आ जाने के बाद अब 50 कर्मचारियों को निकाल दिया गया है. बता दें की दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान जो डाटा अभ्यर्थियों से लेता है, उसको स्टोर करके रखता है.