अमन शुक्ला, बेमेतरा. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 का परिणाम सबके सामने आ चुका है. जिसमें भाजपा ने कांग्रेस को पटखनी देते हुए दोबारा सत्ता वापसी का रास्ता बना लिया है. इस चुनाव में मंत्रियों का परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा. प्रदेश के 13 में से 9 मंत्रियों को शिकस्त मिली है. इसके अलावा भी कई बड़े चेहरों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है. इन सबके बीच एक सीट ऐसी भी थी जिसके परिणाम अप्रत्याशित थे. वो सीट है बेमेतरा जिले की साजा सीट.
ये सीट बिरनपुर घटना के बाद से काफी चर्चा में थी. यहां से बीजेपी के ईश्वर साहू ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश के शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को मात दे दी. ये वही ईश्वर साहू ने हैं जिनके बेटे भुवनेश्वर साहू की बिरनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मौत हो गई थई. जीत के बाद बिरनपुर निवासी ईश्वर साहू ने लल्लूराम डॉट कॉम के साथ बातचीत में कहा कि ये बुराई पर अच्छाई की जीत है. इसके लिए उन्होंने बिरनपुर और साजा की जनता का आभार जताया. बता दें कि ईश्वर साहू ने रविंद्र चौबे को करीब 7 हजार वोटों से हराया है.
बीजेपी को मिले सिंपथी वोट ?
इस हार की वजह बिरनपुर में हुई हिंसा को माना जा रहा है. ये कहा जा सकता है कि इस घटना के प्रति लोगों की साहनुभूति ही वोटों में तब्दील हुई है. जिसके चलते ईश्वर साहू को जीत मिली. हालांकि बीजेपी ने भी अपने प्रचार के दौरान बिरनपुर हिंसा को खूब भुनाया. कहीं ना कहीं इसी का फायदा भाजपा को मिला है.
क्या थी बिरनपुर की घटना ?
राजधानी रायपुर से लगभग 110 किलोमीटर दूर बिरनपुर गांव में कथित तौर पर स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस झड़प में एक स्थानीय युवक भुनेश्वर साहू (22) की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. मंगलवार को गांव में स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब पुलिसकर्मियों ने गांव से कुछ किलोमीटर दूर दो शव बरामद किए. अधिकारियों ने बताया कि शव पर चोट के निशान मिले हैं तथा दोनों बिरनपुर गांव के ही निवासी थे.