चुनावी तैयारियों के बीच बुलाए गए छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सियासी गर्माहट बढ़ गई है. सदन की कार्यवाही के पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धाजंलि देने के बाद विपक्ष ने बीजेपी सरकार की नियत पर सवाल उठाया है. आरोप है कि बीजेपी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए धान बोनस का ऐलान ऐनचुनाव के वक्त किया है. चूंकि किसानों को धान बोनस के रूप में 2400 करोड़ बांटे का प्रावधान फरवरी में हुए बजट सत्र में नहीं किया गया था, लिहाजा सरकार को अनुपूरक बजट पारित करने के लिए विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत पड़ी.
नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा है कि अनुपूरक बजट के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना औचित्यहीन है. इससे सरकार खुद कटघरे में आ गई है. चुनाव करीब है, तो सरकार को आज किसानों को बोनस देने की याद आ रही. सरकार ढोंग रच रही है. इससे उन्हें किसी तरह का फायदा नहीं होने वाला है. सिंहदेव ने कहा कि सरकार प्रजातांत्रिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है और अपना एजेंडा तय करने के लिए ऐसा कर रही है. टी एस सिंहदेव ने कहा कि सदन के सम्मान के लिए हम अनुपूरक पर चर्चा के दौरान मौजूद रहेंगे. हम यहां मौजूद होंगे इस मंदिर के सम्मान के लिए न कि सरकार के एजेंडे के लिए.
सिंहदेव ने कहा कि सरकार हजारों करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाती. महालेखाकार की रिपोर्ट में कहा जाता है कि सरकार को अनुपूरक बजट की जरूरत ही नहीं है. सरकार ने इस बार जान बूझकर सीएजी की रिपोर्ट जारी नहीं की. इसके पीछे क्या वजह है? और अब सरकार किसानों को धान बोनस दिए जाने के नाम पर अनुपूरक बजट के लिए विशेष सत्र बुला रही है.
किसानों के खाते में बोनस का पैसा जाएगा, इसके गलत क्या है- डाॅ.रमन सिंह
नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव के आरोप पर मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है कि – किसान धान का बोनस का मांग कर रहे थे. बोनस देना ही था. पिछले साल अकाल की स्थिति थी इसलिए महसूस किया गया की धान खरीदी के साथ ही बोनस राशि किसानों को दे दिया जाए. उन्होंने कहा कि बोनस की राशि विरोध करने वालों को भी जाएगी. ऐसे में इसके औचित्य पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. किसानों के हित के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है. इसमें कौन सा पॉलिटिकल एजेंडा है. दीवाली के पहले किसानों के खाते में बोनस की राशि आ जाएगी तो इसमें गलत क्या है.
विपक्ष का रवैया पलायनवादी- बृजमोहन
इधर कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि धान के बोनस के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र पर विपक्षी नेता की टिप्पणी निंदनीय है. बृजमोहन ने कहा कि विपक्ष को सदन के प्रति जागरूक रहना चाहिए. यदि जनता के हित में विशेष सत्र बुलाया गया है, तो विपक्ष का साथ मिलना चाहिए, लेकिन विपक्ष का रवैया पलायनवादी है. विपक्ष का विशेष सत्र को औचित्यहीन बताना खेदजनक है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखकर सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया है. ऐसे में यदि विपक्ष इसे लेकर सवाल खड़े करता है, तो यह रवैया बताता है कि विपक्ष के सदस्य अलोकतांत्रिक हैं.