Mizoram Election Result 2023 : मिजोरम विधानसभा चुनाव (Mizoram Assembly Election 2023) की मतगणना के बीच 40 सीटों पर तस्वीर साफ हो गई है. अब तक आए परिणामों के मुताबिक जेडपीएम (ZPM) को 27 सीटें, एमएनएफ (MNF) को 10 सीटें, बीजेपी को 2 और कांग्रेस को 1 सीट मिली है. हालांकि यहां मुख्यमंत्री अपनी सीट नहीं बचा सके. उन्हें ZPM के प्रत्याशी ने 4 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया है. इस बीच सवाल ये आता है कि मिजोरम का मुख्यमंत्री कौन बनेगा ?

जेडपीएम के अध्यक्ष लालदुहोमा ने बहुकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एमएनएफ के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,983 मतों के अंतर से हराया. ऐसे में लालदुहोमा की दावेदारी प्रबल हो गई है. माना जा रहा है कि वो ही मिजोरम के मुख्यमंत्री बनेंगे. दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पूर्व सुरक्षा अधिकारी रहे 73 वर्षीय लालदुहोमा, जिन्होंने 8,314 वोट हासिल किए, लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए.

जीत के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि वह मंगलवार या बुधवार को राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि ‘सभी भ्रष्टाचार के मामलों (एमएनएफ शासन के दौरान) की जांच सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा की जाएगी. हम सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता बनाए रखते हुए मिजोरम में शासन की एक नई प्रणाली पेश करेंगे.’

पॉलिटिकल करियर

साल 1984 में लालदुहोमा ने राजनीति में अपना कदम रखा. उनके कांग्रेस से अच्छे संबंधों के चलते लालदुहोमा को मिजोरम कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. 1986 में कांग्रेस से अलग होने के बाद उन्होंने 1986 में मिजो नेशनल यूनियन (एमएनयू) का गठन किया, जिसका बाद में मिज़ोरम पीपल्स कॉन्फ्रेंस में विलय हो गया और तब उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया.

लालदुहोमा कुछ समय के लिए एमएनएफ पार्टी के सलाहकार भी रहे थे, लेकिन कुछ ही समय बाद एमएनएफ से नाता तोड़ कर उन्होंने मिज़ो नेशनल फ्रंट (नैश्नलिस्ट) की स्थापना की, जिसका नाम बदलकर साल 1997 में ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी (ZNP) कर दिया गया. जेडएनपी उम्मीदवार के रूप में उन्होंने 2003 के मिजोरम विधानसभा चुनाव रातू सीट से चुनाव लड़ा था.

इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी

लालदुहोमा साल 1972 से 1977 तक मिजोरम मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम के प्रधान सहायक के रुप में कार्यरत रहे. अपनी ग्रैजवैशन पूरी करने के बाद उन्होंने साल 1977 में यूपीएससी की परीक्षा पास की. उन्होंने पुलिस सर्विस (IPS) में आने के बाद अपराधियों और तस्करों को पकड़ने के लिए गोवा में स्क्वॉड लीडर का काम किया। साल 1982 में उन्हें तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया. रिटायरमेंट के बाद लालदुहोमा ने राजनीति में अपना कदम रखा.