नई दिल्ली . राजधानी में करीब 15 लाख संपत्तियों की जियो टैगिंग का काम दो माह में पूरा होगा. इस संबंध में निगम के अधिकारी और कर्मचारी तेजी से काम करेंगे. सबसे पहले 4 लाख गैर रिहायशी संपत्तियों की जियो टैगिंग होगी. अगले वर्ष 31 जनवरी तक इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा. ये बातें महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहीं.

उन्होंने बताया कि पिछले 7 दिनों में 20 हजार से अधिक संपत्तियों की जियो टैगिंग हो चुकी है. निगम के ऐप 311 के जरिए इस प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाएगा. जियो टैगिंग वाली संपत्तियों को संपत्तिकर में 10 फीसदी की छूट मिलेगी. करदाता अपनी संपत्तियों को विशिष्ट पहचान संपत्ति कोड (यूपीआईसी) के जरिए जियो टैग कर सकेंगे. वहीं, महापौर ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों तक भाजपा ने नगर निगम में राज किया, लेकिन कभी भी संपत्तियों का डेटाबेस तैयार नहीं कराया.

भाजपा बोली, संपत्ति मालिकों पर डाला जा रहा दबाव दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने महापौर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महापौर जियो टैगिंग की आड़ में दिल्ली वालों को परेशान करने की शुरुआत की. वह 16 लाख संपत्ति मालिकों पर 50 दिन में जियो टैग का तकनीकी कार्य पूरा करने का दबाव डाल रही हैं, जबकि निगम की वेबसाइट पर100 पंजीकरण नहीं हो पा रहे हैं.

खुद भी कर सकते हैं जियो टैगिंग

मेयर ने दिल्ली की जनता से अपील की है कि वह अपनी संपत्तियों को जियो टैग करवाएं और हमारा साथ दें. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को सुविधा देना हमारा पहला कर्तव्य है और दूसरा कर्तव्य राजस्व जमा करना है. जियो टैगिंग करने वाली संपत्तियों को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दी जाएगी. दिल्लीवाले खुद भी यूपिक आईडी या प्रॉपर्टी नंबर के जरिए आसानी से जियो टैगिंग कर सकते हैं. प्रॉपर्टी टैक्स विभाग की ओर से टैक्स की प्रक्रिया को जनता के लिए और आसान बनाने के लिए एक नई शुरुआत की जा रही है.