नई दिल्ली . दिल्ली नगर निगम का अनुमानित बजट शनिवार को पेश किया जाएगा. पहली बार निगमायुक्त ज्ञानेश भारती सीधे सदन में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगे. हालांकि, यह शुक्रवार को पेश होना था. लेकिन, अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया.
महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अपरिहार्य कारणों से बजट स्थगित हुआ. पहली बार अनुमानित बजट शनिवार को सदन में प्रस्तुत करने जा रहे हैं. इसमें जन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहायता जैसे विभागों के लिए निर्धारित किए गए फंड की जानकारी दी जाएगी. बजट पेश करने से लेकर इसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया लगभग दो माह तक चलती है. इस बार दिल्ली की जनता के साथ बजट पर चर्चा करेंगे और उनकी सलाह लेंगे. इसके बाद बजट को अंतिम मंजूरी मिलेगी. 31 मार्च 2024 के बाद नया बजट लागू कर दिया जाएगा. निगमायुक्त 2023-24 का संशोधित बजट भी रखेंगे.
विशेषज्ञों के अनुसार, स्थायी समिति का गठन न होने के कारण निगम बजट पहली बार सीधे सदन में पेश किया जा रहा है. इससे पहले पूर्ववर्ती तीनों निगमों की स्थायी समिति में बजट को पेश किया जाता था. इसके बाद बजट सदन की बैठक में लाया जाता था और उस पर चर्चा होती थी.
100 से अधिक बैठक बाजार संघ, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों और प्रधानों के साथ करेगा निगम
टैक्स बढ़ने पर विरोध करेंगे कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा कि दो घंटे पूर्व बजट को रोकना और महापौर को अचानक जनता से सलाह लेने की याद आना हास्यापद है. उन्होंने कहा कि बजट में टैक्स बढ़ोतरी के प्रस्ताव का कांग्रेस पार्षद विरोध करेंगे.
जनता से सुझाव लिया जाएगा
महापौर ने बताया कि निगम बजट पेश होने के बाद दिसंबर से लेकर जनवरी तक हितधारकों के साथ 100 से अधिक बैठक करेगा. इसमें बाजार संघ, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों, अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले निवासी, 360 गांवों के प्रधानों से बजट को लेकर चर्चा कर सुझाव लिया जाएगा.
भाजपा ने कहा, गैर संवैधानिक तरीके से लाया जा रहा बजट
बजट को पेश करने की प्रक्रिया पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं. निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी को निगम बजट से संबंधित प्रक्रिया की जानकारी नहीं है. गैर संवैधानिक तरीके से बजट को सदन में लाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि बजट के पीछे का मुख्य उद्देश्य पार्षदों की समान भागीदारी होती है. इसमें सभी पार्षद अपना मत रखते हैं ताकि बजट को नागरिक केंद्रित बनाया जा सके. वहीं, भाजपा की प्रदेश महामंत्री तथा पार्षद कमलजीत सहरावत ने कहा कि स्थायी समिति में बजट पेश न कर के सीधे सदन में लाना निगम इतिहास में काला अध्याय हैं. इसके अलावा संदीप कपूर ने कहा कि आम आदमी पार्टी बजट प्रक्रिया का उपहास बना रही है. ये संविधान को नजरअंदाज कर बजट ला रहे हैं.