शिमला का मशहूर Dhalli Tunnel अब पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है. इस टनल का इतिहास काफी पुराना है. अब नए टनल के बनने से लोगों को ट्रैफिक से निजात मिलेगी. जानकार बताते है कि 1852 में निर्मित ढली सुरंग बहुत पुरानी है. ढली सुरंग के निर्माण की अवधि 170 वर्ष से अधिक हो चुकी थे. यही कारण है कि नए तरीके से इसका पुननिर्माण किया गया है. चूंकि टनल के ऊपर भवन हैं, इसलिए इस सुरंग का निर्माण विशेष तकनीक से किया गया है.
यह हैं नई Dhalli Tunnel की खासियत
- 155 मीटर लंबी होगी नई डबललेन टनल
- दोनों ओर मिलेगी फुटपाथ की सुविधा
- दीवारों पर बने हैं हिमाचली संस्कृति से जुड़े 210 चित्र
- तारों को बिछाने के लिए फुटपाथ के नीचे बने हैं डक्ट
- मार्च 2022 में शुरू हुआ था टनल का निर्माण
- 39.60 करोड़ में बनी है टनल, सड़क से बढ़ी लागत
जाम से राहत, फुटपाथ की सुविधा भी मिलेगी
संजौली और ढली के बीच अभी 1852 में बनी सुरंग से वाहनों की आवाजाही होती है. इस सुरंग में एक समय में एक तरफ ही वाहनों की आवाजाही होती है. अब नई सुरंग से दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही शुरू होगी. पुरानी सुरंग को यातायात के लिए बंद करने पर फैसला हो सकता है. इसे हैरिटेज के तौर पर भी विकसित करने की योजना पर विचार चल रहा है.