अयोध्या. गाजियाबाद के छात्र मोहित पांडेय को अयोध्या राम मंदिर के पुजारी के रूप में चुना गया है. दूधेश्वर वेद विद्यापीठ में 7 साल के अध्ययन के बाद मोहित पांडे आगे की पढ़ाई के लिए तिरुपति चले गए. जानकारी के अनुसार, 3000 लोगों के इंटरव्यू के बाद इस पद के लिए चुने गए 20 लोगों में से एक मोहित पांडेय का भी नाम है. हालांकि, राम मदिर में नियुक्ति से पहले उन्हें 6 महीने ट्रेनिंग दी जाएगी.

कितना मिलती है सैलरी?
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी हाल ही में पुजारियों के वेतन बढ़ाया था. ट्रस्ट ने मई में पहला इंक्रीमेंट देते हुए मुख्य पुजारी को 25 हजार रुपये और सहायक पुजारियों को 20000 रुपये देने का निर्णय लिया था. वहीं अक्टूबर महीने में दोबारा मुख्य पुजारी का वेतन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 32 हजार 900 रुपये और उनके सहायक पुजारियों का वेतन 31000 कर किया है. इससे पहले मुख्य पुजारी को महज 15520 रुपये और सहायक पुजारियों को 8940 रुपये का वेतन मिलता था.

कहां से पढ़े हैं मोहित पांडेय

गाजियाबाद में दूधेश्वरनाथ मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. ये उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से एक है. यहां देश-विदेश से लोग आते हैं. इस मंदिर के परिसर में ही दूधेश्वर वेद विद्यापीठ भी संचालित होता है. यहां देशभर से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं. मोहिकत पांडेय ने भी 7 साल धर्म की शिक्षा ली है. वर्तमान में यहां 70 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं.

7 साल तक दूधेश्वर में की पढ़ाई
मोहित पांडे ने पहले सामवेद का अध्ययन किया, जिसके बाद वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय जाकर अध्ययन किया. मोहित पांडेय आचार्य की डिग्री लेने के बाद पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं. मोहित ने दूधेश्वर वेद विद्यापीठ से सात साल तक धर्म और कर्मकांड की शिक्षा ली है। यहां पिछले 23 सालों से विद्यार्थियों को वेद शिक्षा देने का सिलसिला जारी है.

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