वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के बाद आदेश देते हुए कहा है कि टीईटी प्रमाणपत्र आजीवन वैध है. वैधता समाप्त होने के आधार पर अपात्र करना गलत है. दरअसल, संचालक लोक शिक्षण रायपुर ने बस्तर व सरगुजा संभाग में शिक्षकों के रिक्त पद के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए थे.
शिक्षक के रिक्त पद के लिए राजनांदगांव निवासी मनीषा ठाकुर ने आवेदन दिया और भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुई, जिसमें सफल होने के बाद संयुक्त संचालक शिक्षा बस्तर ने टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने के आधार पर उन्हें नियुक्ति के लिए अपात्र कर दिया. उन्होंने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि एनसीटीई ने वर्ष 2021 में प्रमाणपत्र की वैधता आजीवन की है. इसके आधार पर राज्य शासन ने भी 2021 में सर्कुलर जारी कर टीईटी प्रमाणपत्र को आजीवन वैध किया है, इसलिए उन्हें टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने के आधार पर अपात्र किया जाना गलत है.
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जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन देने एवं शासन को 60 दिवस के अंदर नियमानुसार निराकृत कर नियुक्ति के संबंध में निर्णय लेने के निर्देश जारी किए हैं.
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