भोपाल। मध्य प्रदेश में सीएम के नाम पर सस्पेंस खत्म हो गया है। मोहन यादव मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बन गए हैं। वहीं नरेन्द्र सिंह तोमर को विधानसभा स्पीकर नियुक्त किया गया है। विधायक दल की बैठक में उन्हें विधानसभा स्पीकर नियुक्त किया गया है।
जानिए कौन है नरेंद्र सिंह तोमर ?
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में 12 जून 1957 को जन्मे नरेंद्र सिंह तोमर के नाम कई बड़ी उपलब्धियां है। उनका जन्म मुरैना जिले के ओरेठी गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने जीवाजी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के दौरान वे महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पढ़ाई के दौरान से ही उनका रुझान राजनीति की ओर था जिसके बाद पढाई पूरी करते ही उन्होंने पूरी तरह अपना ध्यान राजनीति में लगा दिया। उनका उपनाम मुन्ना भैया है, जो बाबूलाल गौर द्वारा दिया गया है।
तोमर का राजनीतिक सफर
नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर नगर निगम के पार्षद रह चुके हैं। 1977 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बने। 1984 में युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री बने फिर 1991 में प्रदेश अध्यक्ष। पहली बार 1993 में ग्वालियर विधानसभा से लड़े लेकिन हार गए। 1998 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे। 2003 से 2007 तक तोमर कैबिनेट मंत्री बने। इस दौरान 20 नवंबर 2006 में तोमर को मध्य प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष चुना गया।
नरेंद्र सिंह तोमर भारत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री, पंचायती राज मंत्री, खान मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री रहे हैं। वह 2009 से 2014 तक मुरैना से पंद्रहवीं लोकसभा और 2014 से 2019 तक ग्वालियर से सोलहवीं लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं। 2019 में उन्होंने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया था और मुरैना से लोकसभा के लिए फिर से चुने गए थे।
किन-किन पदों पर रहे?
नरेंद्र सिंह तोमर 27 मई 2014 को नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में इस्पात, खान, श्रम और रोजगार का केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। 5 जुलाई 2016 को मोदी मंत्रालय के दूसरे कैबिनेट फेरबदल के दौरान उनसे इस्पात मंत्रालय ले लिया गया और उन्हें उन्हें पंचायती राज, ग्रामीण विकास और पेयजल और स्वच्छता मंत्री बनाया गया।
पीयूष गोयल ने खान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री) के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर की जगह ली। मई 2019 में वह ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय में बने रहे और उन्हें कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया।
18 सितंबर 2020 को हरसिमरत कौर बादल के पद से इस्तीफा देने के बाद तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। केंद्र सरकार में इतने पदों से गुजर कर आने के बाद अब पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने की ज़िम्मेदारी दी।
इस साल हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया था। 2008 और 2013 में नरेंद्र सिंह तोमर के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही भाजपा ने सत्ता जीती थी। वह ग्वालियर से सांसद भी रह चुके हैं । वह शिवराज सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। साथ ही बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी भी रह चुके हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर को बीजेपी ने दिमनी विधानसभा सीट से टिकट दी थी। उन्होंने 79 हजार 137 वोटों से जीत दर्ज की थी। उनके विपक्ष में चुनावी मैदान में उतरे बहुजन समाज पार्टी के बलवीर सिंह दंडोतिया को 54 हजार 676 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस से रविंद्र सिंह तोमर को 24006 वोट मिले। वहीं । उनके परिवार की बात करें तो उनके परिवार में उनकी पत्नी किरन तोमर, दो बेटे और एक बेटी है।