रायपुर. मोहन यादव को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, यह राष्ट्रीय नेतृत्व का निर्णय है, इसका स्वागत है. आर्टिकल 370 हटाने पर विष्णुदेव साय ने कहा, न्यायालय का जो निर्णय आया है वह स्वागत योग्य है. जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में जितनी भी मुस्लिम बहनें हैं, उनके लिए वरदान है.

जानिए मोहन यादव का राजनीतिक सफर

छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोहन यादव बीजेपी के स्थापित नेता हैं.उज्जैन संभाग के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है. मोहन यादव माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें पहले मंत्री बनने का मौका मिला और अब वे प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने हैं. कई बार वह बयानों को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहे हैं.1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं.

मोहन यादव ने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली. यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं. 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं. 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं.

संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई.1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने.इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया. 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें. 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने.