SECL की मेगा परियोजना गेवरा, कुसमुंडा और दीपका खदान में अब रोबोटिक्स ड्रोन उतारने की तैयारी है.

इससे कोयला खदानों में रियल टाइम निगरानी और मजबूत होगी.

ड्रोन के माध्यम से विस्फोट से खदानों के सुरक्षा पहलू में भी अत्यधिक सुधार किया जा सकता है.

IIT रुड़की के रोबोटिक्स अनुसंधानकर्ता की एक टीम इस काम में जुट गई है.

खदानों में डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए IIT रुड़की के रोबोटिक्स शोधकर्ताओं को एक टीम ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की ओपनकास्ट खदानों में परीक्षण किया.

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