लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद. जिला मुख्यालय स्थित आदिवासी पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में बच्चों ने बीते शुक्रवार की रात शराब पीकर अधीक्षक द्वारा छात्रावास के बच्चों पर गाली गलौज और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले को लेकर छात्रावास के बच्चों ने कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे. हालांकि अधिकारियों ने बच्चों को फुसलाकर वापस भेज दिया.

जिला मुख्यालय के लीड कॉलेज के पीछे स्थित आदिवासी पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में एसटी और ओबीसी छात्रावास एक साथ संचालित है. नाम न बताने की शर्त पर एसटी छात्रावास के बच्चों ने कहा कि बीते शुक्रवार को रात में ओबीसी छात्रावास के अधीक्षक उनके हॉस्टल पहुंचे और शराब पीए. फिर जमकर हुल्लड़ किया. जिसका विरोध हमारे द्वारा किया गया तो हमारा नाम काटने की धमकी दी गई. हमारे अधीक्षक ने भी उसी का सपोर्ट किया. घण्टे भर तक इनका ड्रामा चलता रहा. जिससे हमारी पढ़ाई भी प्रभावित हुई. बात एक दिन की ही नहीं है, हमेशा इनके द्वारा ऐसी ही हरकत की जाती है.

बच्चों ने यह भी बताया कि ओबीसी हॉस्टल अधीक्षक एसटी छात्रावास अधीक्षक के साथ एसटी छात्रावास में आकर रात को शराब पी रहे थे. जिसका विरोध किया गया और बच्चो के द्वारा उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही गई. जिस पर दोनों अधीक्षक के द्वारा बच्चों को डराने धमकाने के साथ ही हॉस्टल से बाहर निकालने की धमकी दी गई. अधीक्षकों ने कहा कि कहीं भी शिकायत करो कोई कुछ नहीं कर सकता.

ड्रामे को लेकर बच्चों ने कलेक्टर से शिकायत करने की ठानी और इस घटना की शिकायत को लेकर जब बच्चे कलेक्ट्रट पहुंचे तो अधिकारियों ने उन्हें बहला फुसलाकर वापस भेज दिया. इस दौरान बच्चे कलेक्टर से मिलने की जिद पर अड़े रहे. लेकिन अंततः कलेक्टर से नहीं मिलने दिया गया और बच्चों को चुप चाप वापस हॉस्टल आना पड़ा.

एसटी हॉस्टल अधीक्षक एमएल रामटेके ने बताया कि बाहर से बीना अनुमति अधिकारियों द्वारा शराब पीकर प्रवेश किया गया था, जिसके बाद बच्चों द्वारा इसका विरोध किया गया था. जिसके बाद मैंने हॉस्टल पहुंचकर मामले को शांत कराया.

इस गम्भीर मामले में सहायक आयुक्त से चर्चा करने के लिए उनको मैसेज किया गया, फोन किया गया, लेकिन सहायक आयुक्त मेनका चंद्राकर ने न फोन उठाया, न कोई जवाब दिया.