रायपुर. छत्तीसगढ़ को राज्य का दर्जा मिले, यह सपना हर छत्तीसगढ़िया जनमानस की रही, जिसे 1 नवम्बर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ को एक सम्पूर्ण राज्य का गठन कर हर छत्तीसगढ़िया का सपना साकार किया. ऐसे भारत रत्न, कवि हृदय,अजातशत्रु राजनेता, जन जन के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म जयंती 25 दिसंबर को आने वाला है. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने ऐसे विराट व्यक्तित्व और सबके प्रेरणास्रोत अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिवस को “अटल दिवस” के रूप मे अधिसूचित कर उनके सम्मान में विभिन्न शासकीय कार्यक्रम आयोजित करने की मांग शासन से की है, ताकि भारत रत्न बाजपेयी जी के महान कार्यों को भावी पीढ़ी भी जान सके.

छ्ग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने अटल जी के विचारो को उद्धरित करते हुए कहा कि शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है. व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा के स्वरूप आदर्शो से युक्त होना चाहिए. हमारी माटी में आदर्शों की कमी नहीं है. शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवकों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत कर सकते हैं. शिक्षा के प्रति उच्च आदर्शों को स्थापित करने के संकल्प रखने वाले अटल बिहारी बाजपेयी को छत्तीसगढ़ की धरती से सम्मान मिलना ही चाहिए और ये हम छत्तीसगढ़वासी प्रत्येक 25 दिसंबर को “अटल दिवस” मनाकर कर सकते हैं.

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि अटल जी अपने प्रेरणादायक वचनो के माध्यम से हम सबके बीच हमेशा अमर रहेंगे. उनका कथन कि ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता’ सदैव हमे कर्मयोगी बनने की प्रेरणा देते हैं.

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह, विष्णु शर्मा, डॉ. सांत्वना ठाकुर, सत्येंद्र सिंह, विवेक शर्मा, गजराज सिंह, राजेश शर्मा, शैलेन्द्र सिंह, प्रह्लाद जैन, सन्तोष मिश्रा, सन्तोष शुक्ला, शिवेंद्र चंद्रवंशी, दीपक वेंताल, यादवेंद्र दुबे, सर्वजीत पाठक, मंटू खैरवार, पवन दुबे, भोजराम पटेल आदि पदाधिकारियो ने कहा कि अटल जी के प्रति प्रदेशवासियों की ओर से यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी.