Rajasthan News: बीकानेर. 2003 के बाद पहली बार ऐसे हालात बने कि जिले के 7 में से किसी भी विधायक की निधि कैरीफॉरवर्ड होकर नहीं आई. सभी सातों विधायकों ने आचार संहिता लागू होने से पहली पूरी निधि की रिकमंडेशन कर दी है. क्योंक वित्तीय वर्ष मार्च से मार्च चलता है, इसलिए मार्च 2024 में नए विधायकों को निधि मिलेगी और जून के बाद ची जनहित में काम लो जाएगी क्योंकि मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से उसकी स्किमंडेशन मान्य नहीं होगी.
दरअसल 2003 में ऐसा हुआ था जब किसी भी विधायक की निधि विधानसभा चुनाव से पहले खर्च करने के लिए नहीं बच्ची थी लेकिन उसके बाद 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा में दो बार लूणकरणसर और एक बार कोलायत विधानसभा क्षेत्र से निधि बच गई थी. नियम है कि अगर पुराना विधायक निधि खर्च नहीं कर पाता तो बची हुई राशि अगले वितीय वर्ष में जोड़ दी जाती है. जिला परिषद विधायक निधि का हिसाब-किताब रखती है. विधायकों की स्किमंडेशन भी कहीं जाती है और
वहां से संबंधित एजेंसियों को काम दिया जाता है. इस साल राशि बची नहीं, इसलिए नवनिर्वाचित विधायकों को मार्च में नए वित्तीय वर्ष विधायक निधि के आने का इंतजार करना होगा. एक विधायक को अब एक वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ की विधायक निधि मिलती है. हैरानी की बात ये है कि इस साल मार्च में विधायक निधि आने के बाद भी विधायक इसका उपयोग जनहित में नहीं कर पाएंगे क्योंकि मार्च में ही लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी.
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