कुंडली में कई योग बनते हैं, जो कुंडली में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पैदा करते हैं. उन्ही में से एक प्रेम विवाह का योग, जिस राशि की कुंडली में बनने से व्यक्ति का लव मैरिज होने की संभावना बनी रहती है और यह योग नक्षत्र की युति, परिवर्तन, गोचर, संयोजन आदि के कारण बनता है.

कुंडली में प्रेम विवाह का योग कब बनता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम विवाह का योग तब बनता है. जब मंगल राहु से या शनि से एक साथ मिल रहा हो. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तमेश पर राहु, शुक्र या शनि की दृष्टि हो तब लव मैरिज का योग बनता है. जन्म कुंडली में शुक्र और मंगल का कोई योग बनता है या इन दोनों राशियों का संबंध होता है तो प्रेम योग बनता है और आपके जीवन में प्यार की बहार आ जाती है. Read More – ऑलिव कलर के स्विमसूट में Monalisa ने शेयर किया Photo, 41 की उम्र में दिखाई दिलकश अदाएं …

जन्म कुंडली में जब पंचम स्थान पर राहु और केतु दोनों स्थित हों. तब लव मैरिज संभव है. जन्म कुंडली में शुक्र या चन्द्रमा, चंद्रमा से पंचम या नवम हो तो प्रेम विवाह बनते हैं. पंचम और सप्तम के स्वामी कुंडली में जब एक साथ आ जाते हैं तो वृश्चिक की यह दशा प्रेम जीवन के लिए सकारात्मक स्थिति का निर्माण करती है.

प्रेम विवाह न होने के कारण

यदि कुंडली में प्रेम विवाह का योग हो, लेकिन शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव में हो, तो लव मैरिज करने में समस्या आती है या विवाह करने के बाद भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यदि कुंडली में पंचम भाव का स्वामी अष्टम भाव में है तो जातक को धोखा मिलता है या पूर्व जन्म के कर्मों के कारण प्रेम भाव में समस्या आती है. इसका कारण प्रेम विवाह नहीं हो पाता है.

किसी जातक की कुंडली में शुक्र अर्थात प्रेम का कारक ग्रह छठे भाव में हो, किसी जातक की कुंडली में या कुंडली में प्रेम का कारक ग्रह छठे भाव में हो, तो प्रेम की कुंडली पाई जाती है, लेकिन प्रेम विवाह संभव नहीं है. यदि कुंडली के सप्तम भाव में शुक्र उच्च राशि में स्थित हो या शुक्र के साथ राहु स्थित हो तो जातक का विवाह होता है. लेकिन उसके बाद विवाहेतर दस्तावेज के कारण विवाहेतर का विवाह प्रमाणित हो सकता है. Read More – अगहन के गुरुवार : 15 खूबसूरत अल्पना रंगोली डिजाइन से करें मां लक्ष्मी का स्वागत …

प्रेम विवाह के लिए कुछ विशेष उपाय

मंगला गौरी व्रत के लिए कन्याओं को बंधक बनाना चाहिए. राधा कृष्ण की पूजा करने से प्रेम संबंध मजबूत होते हैं. किसी विद्वान ज्योतिषी को अपनी कुंडली जमीन पर बैठाकर उनके बताए गए गांव बनाकर लव मैरिज को मजबूत कर सकते हैं. अगर आपकी कुंडली में प्रेम योग खत्म हो गया है या प्रेम विवाह करने में समस्या आ रही है या फिर जिन लोगों से आप प्यार करते हैं, उनकी आपकी पसंद नहीं है, तो आपकोप्रेम वृद्धि यंत्र की पूजा करें आपप्रेम विवाह योग पूजन किटका भी उपयोग कर सकते हैं.

आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करें. शुक्र को मजबूत करने के लिए कुंडली में शुक्र की शुभ या अशुभ दशा जानने के लिए दान और मंत्र का जाप करें. प्यार बढ़ाने के लिए आप रोज क्वार्ट्ज स्टोन की रिंग लाइफ, ब्रेसलेट या पेंडेंट भी पहन सकते हैं. अपने कुंडली के पंचम भाव के स्वामी को जानें और उसे मजबूत बनाएं, आपको भी भाग्य में सफलता मिलेगी. पंचम भाव के साथ-साथ सप्तम भाव को बल देने से आपका प्रेम विवाह संभव हो सकता है. सोमवार के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की कलावे से युति करें.