रायपुर. 13 दिसंबर को आयोजित मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में राजगीत नहीं बजाए जाने का मुद्दा गरमा गया है. कांग्रेस इसे छत्तीसगढ़ महतारी के साथ 3 करोड़ छत्तीसगढ़ियों का अपमान बताया है. कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, राजगीत छत्तीसगढ़ी अस्मिता का प्रतीक है. यह छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना गीत है. राज्य सरकार की ओर से हर सरकारी आयोजन में राजगीत धुन बजाना अनिवार्य किया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री शपथ समारोह में राजगीत का नहीं बजना बहुत ही दुःखद है. यह छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान है. 3 करोड़ छत्तीसगढ़ियों की भावना से खिलवाड़ है. इस गलती के लिए जो भी जिम्मेदार है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं कांग्रेस के इस सवाल पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का भी जवाब आ गया है. साय ने कहा कि, राजगीत का पूरा सम्मान है. छत्तीसगढ़ महतारी हम सबकी महतारी है. हम सब आदर करते हैं. राजगीत क्यों नहीं बज पाया मुझे नहीं पता, क्योंकि शपथ समारोह का कार्यक्रम राजभवन तय करता है.

अब सवाल यही उठ रहा है कि, राजभवन की ओर से क्या ये भूल हुई है ? अगर ये भूल हुई है तो क्या अधिकारियों पर कोई जिम्मेदारी तय होगी ? क्योंकि सोशल मीडिया में यह मुद्दा छाया हुआ और लोग यही जानना चाह रहे हैं आखिर राजगीत क्यों नहीं बज पाया ?

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें