दुर्ग. लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे दुर्ग लोकसभा के पूर्व सांसद मोहन लाल जैन उर्फ मोहन भैया का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. बीमार होने की वजह से उनका भिलाई के सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज चल रहा था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है. आज सुबह 6 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.
उनकी अंतिम यात्रा आज दोपहर 3:30 बजे निवास स्थान सदर बाजार गांधी चौक से हरना बांधा मुक्ति धाम के लिए निकाली जाएगी. जिस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. फिर बांधा मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
आपकों बता दें कि मोहन भैया का जन्म 18 अक्टूबर 1934 में हुआ था वे आरम्भकाल से सेवाभावी सहृदय व्यक्तिव के धनी थे. एक स्वयं सेवक के रूप में राष्ट्रीय सेवक संघ में कार्यरत थे. जनता के प्रति उनके सेवानिष्ठ व समपर्ण भाव के कारण वे जनसंघ से (अपरिवर्तित भाजपा) दुर्ग नगर पालिका में पार्षद के रूप में निर्वाचित होकर जनता को सेवा प्रदान किए. ततपश्चात उनके जनता के प्रति समर्पित भाव को देखते हुए सन् 1968 में दुर्ग विधानसभा से मोहन भैया को विधानसभा से उम्मीदार घोषित कर मैदान में उतारा गया. जहां वे मामूली अंतरों से पराजित हो गए. लेकिन देश में इंदिरा गांधी के कांग्रेस शासन काल में आपातकाल लगाने के कारण इस आलोकतांत्रिक कृत्य के विरोध में झंडा बुलंद करने के चलते उन्हें लम्बे समय तक जेल में बंद कर दिया गया.
आपातकाल के बाद हुए लोक सभा चुनाव में सन् 1977 में मोहन भैया दुर्ग लोक सभा से पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद के रूप में जनसंघ (भाजपा) से निर्वाचित होकर दिल्ली पहुँचे और देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ देश सर्वोच्च सदन में कार्य किए.
मोहन भैया उन विरले नेताओ में से एक थे जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन गरीबों असहाय व जरुरतमंदों के सेवा में समर्पित कर दिए. एक लम्बे समय से अदृश्यता व अन्य रोगों से ग्रस्त होने के बाद भी जनता के प्रति उनके द्वारा सेवा के प्रति आतुरता दूसरों को हमेशा प्रेरित करेंगी.