जालंधर. बग बाउंटी-हंटर 23 वर्षीय हरिंदर को इस बार यूके सरकार द्वारा एक बार फिर मान्यता दी गई है। हरिंदर ने कहा कि सिंगापुर सरकार के पुरस्कार के तुरंत बाद यूके सरकार का पुरस्कार प्राप्त करना एक “अविश्वसनीय सम्मान” था।

हरिंदर एक एथिकल हैकर है जो कंपनियों को उनके सिस्टम में कमियां ढूंढने में मदद करता है जिसका फायदा दुर्भावनापूर्ण हैकर्स उठा सकते हैं

उन्होंने गूगल फ्लिपकार्ट, यू.एन, सिंगापुर सरकार, यू.के. सरकार सहित संगठनों के लिए 300 से अधिक खामियां खोजने में मदद की है।

एथिकल हैकिंग तब होती है जब किसी कंपनी द्वारा हैकर को उनकी वेबसाइटों में सेंध लगाकर सुरक्षा खामियों का पता लगाने के लिए भुगतान किया जाता है। कुछ एथिकल हैकर बहुत पैसा कमा रहे हैं और यह उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इस प्रकार के बग हंट करने वाले अधिकांश लोग युवा हैं”, हरिंदर ने कहा, जिन्होंने हाल ही में यूके सरकार की वेबसाइट से एक महत्वपूर्ण बग की ओर इशारा किया था, जिसके बदले में यूके सरकार ने उन्हें देश के प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया। हरिंदर ने पिछले साल बग ढूंढकर सिंगापुर सरकार की वेबसाइट समेत गूगल, बीएमडब्ल्यू, पोर्श आदि समेत 300 से ज्यादा कंपनियों की मदद की थी।

हरिंदर ने कहा कि इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक, दो-तिहाई हैकर्स 18 से 29 साल की उम्र के हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां इन लोगों को कोई भी खामी बताने पर भारी इनामी राशि देती हैं। वे किसी भी साइबर अपराधी से पहले ही वेब कोड की खामियां ढूंढ लेते हैं। हरिंदर खुद एक बहुर्राष्ट्रीय कंपनी में पूर्णकालिक साइबर सुरक्षा की नौकरी के साथ-साथ दुनिया की शीर्ष कंपनियों में खामियां या गंभीर बग ढूंढते रहते हैं। उन बगों को ढूंढना बहुत मुश्किल है जिनका पहले पता नहीं चला था। इसलिए उन्हें इस काम के लिए हजारों डॉलर मिलते हैं। एक तरह से ये एथिकल हैकर्स के लिए बड़ा प्रोत्साहन है।