कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जज के ड्राइवर से कार छीनकर वाइस चांसलर को अस्पताल पहुंचाने वाले दो छात्र जेल में हैं। दोनों छात्रों पर डकैती का केस दर्ज किया है। जेल में बंद एक छात्र की मां ने अपील करते हुए कहा कि किसी की जान बचाने के लिए उठाया गया कदम क्षमा योग्य है।

इस गंभीर मामले में फंसे दो छात्रों में से एक छात्र ग्वालियर का रहने वाला है तो वहीं एक छात्र सुकृत शर्मा शिवपुरी का रहने वाला है। सुकृत अपने माता-पिता के इकलौता बेटा हैं। सुकृत के पिता गिरीश शर्मा एक सड़क दुर्घटना के बाद से बीमार हैं बेटे के साथ हुई घटना के बारे में उन्हें नहीं बताया गया है। इसके अलावा सुकृत के घर में उसकी मां और उसकी एक बड़ी बहन है।

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सुकृत की मां अंजना शर्मा ने बताया कि मेरा बेटा मानवता दिखाने के फेर में जेल तक पहुंच गया है। एक मां के लिए इससे बड़ा आघात और क्या हो सकता है। मेरे बेटे सुकृत ने ट्रेन में आए हार्ट अटैक के बाद वीसी रणजीत सिंह को मानवता के नाते अपने दोस्त के साथ अस्पताल पहुंचाया। लेकिन यह जानने के बाद भी की मेरे बेटे ने कार छीनने का कदम किसी की जान बचाने के लिए उठाया था। इसके बाद कार की चाबी भी पुलिस को सौंप दी थी।

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उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने तो मानवता दिखाई, क्योंकि उसके संस्कार अच्छे हैं। उसने सोचा भी नहीं होगा कि इन संस्कारों के बदले उसे जेल मिलेगी। पुलिस उसके खिलाफ डकैती का केस दर्ज कर लेगी। मेरे बेटे ने तो मानवता के नाते एक व्यक्ति की जान बचाने की कोशिश की।

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वह सरकार और माननीय न्यायधीश से सिर्फ यही गुहार लगा रही है कि उसके बेटे पर दर्ज मामले को शून्य किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि 10 दिसंबर की रात कुलपति की जान बचाने से के लिए दोनों छात्रों ने मजिस्ट्रेड के वाहन को ड्राइवर से छीन लिए था। इसके बाद विवाद की शुरुआत हुई थी।

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