नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में 141 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है. संसद में हंगामा करने और कामकाज में बाधा डालने के लिए निलंबन की कार्यवाही के बाद अब इन सांसदों के निलंबन की अवधि के दौरान संसद कक्ष, लॉबी और दीर्घाओं में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है.
लोकसभा सचिवालय की ओर से परिपत्र जारी कर निलंबित किए गए सांसदों पर प्रतिबंधों पर प्रकाश डाला है. परिपत्र में कहा गया है कि उन्हें संसदीय समितियों की बैठकों से निलंबित कर दिया जाता है, जिसके वे सदस्य हो सकते हैं, उनके नाम पर कार्य सूची में कोई आइटम नहीं रखा जाता है. निलंबन की अवधि के दौरान उनके द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है. वे अपने निलंबन की अवधि के दौरान होने वाले समितियों के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते.
परिपत्र में वित्तीय निहितार्थों पर भी प्रकाश डाला गया क्योंकि निलंबित सांसद निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं होंगे. यदि शेष सत्र के लिए सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है तो वे निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं हैं. इस खंड ने स्पष्ट किया कि समय-समय पर संशोधित संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 2 (डी) के तहत ड्यूटी के स्थान पर उनके रहने को ड्यूटी पर निवास के रूप में नहीं माना जा सकता है.