कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में प्रसूताओं को पिछले 3 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जननी सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है, कि अब तक राशि पाने के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रही प्रसूताओं में से 350 से ज्यादा ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर रखी है। लेकिन बावजूद इसके अब तक उन्हें किसी भी तरह की राशि नहीं मिल पा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रसुताओं को राशि देने में हो रही देरी को सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकी दिक्कत बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में अब तक हजारों महिलाओं को राशि नहीं मिली है।

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मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा-संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत शहरी क्षेत्र की प्रसूता को एक हजार रुपए और ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूता को 1400 रुपए देती है। तो वहीं मजदूरी कार्ड धारक प्रसूताओ को सहायता योजना के तहत 16 हजार रुपए दिए जाते हैं। लेकिन बीते लगभग 3 माह से ज्यादा समय से शासन ने इसका बजट नहीं भेजा है।

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इस कारण से प्रसूताओं को इस योजना की राशि नहीं मिल पा रही है और वह राशि के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रही हैं। ऐसे में इन महिलाओं में से करीब 350 से ज्यादा प्रसूताए सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर चुकी है, लेकिन अभी तक उनका भी निराकरण नहीं हुआ है। कई प्रसूताए तो अस्पताल में ऐसी मिली ,जो बीते करीब एक साल से राशि पाने के लिए चक्कर लगा रही है लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है।

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प्रसूताओं की ओर से लगातार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत और लगातार अस्पतालों के चक्कर लगाए जाने की खबर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है। लेकिन उनके पास भी जवाब देने के लिए कुछ भी नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ यही जानकारी दे रहे हैं कि पिछले दो ढाई महीने से जननी सुरक्षा योजना और प्रसूता सहायता योजना का पोर्टल काम नहीं कर रहा है। इस कारण यह सारी परेशानियां आ रही है। ग्वालियर CMHO डॉ. आरके राजौरिया ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी इससे अवगत करा दिया गया है। साथ ही शासन स्तर पर पत्राचार भी किया गया है लेकिन अब तक फंड रिलीव नहीं हो सका है।

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इस मामले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है।  मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता राम पांडेय ने यह मांग की है कि प्रसूताओं को योजना के तहत राशि दी जानी चाहिए। ताकि जच्चा और बच्चा को जरूरी पोषण आहार और आर्थिक मदद मिल सके। कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसते हुए ये भी कहा है कि BJP लाडली बहनों को 3 हजार की राशि दे,साथ ही मोदी जी की गारंटियों को भी पूरा करे।

विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि सरकारी सिस्टम आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सरकार कर्ज में डूब चुकी है, जिसके कारण प्रसूताओं को मिलने वाली सहायता राशि पर भी संकट आ खड़ा हुआ है। ऐसे में अब देखना होगा कि MP की नई सरकार में प्रसूताओं की सहायता के लिए जननी सुरक्षा योजना की रुकी हुई यह राशि कब तक बहाल करती है।

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