शशि देवांगन, राजनांदगांव. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव के बसंतपुर में 55 साल की महिला दशोदा बाई देवागंन रहती हैं. यशोदा के तीन बेटे हैं जो काम से हमेशा बाहर रहते है. यशोदा का स्वास्थ्य हमेशा ठीक नहीं रहती. तीन महीने पहले तक कोई भी स्वास्थ्यगत परेशानी होती थी तो वो बड़ी मुश्किल में पड़ जाती थी. अगर वो चलने-फिरने लायक होती तो पड़ोसियों के घर जाकर अपने लड़कों को ख़बर करती थी. इसके बाद उनके लड़के आते थे और उसका इलाज कराते थे. लेकिन कई बार ऐसा होता था कि यशोदा की हालत इतनी बिगड़ जाती थी कि वो बिस्तर से उठ नहीं पाती थी. जब दिन भर यशोदा अपने घर से बाहर नहीं निकल पाती थी तो पड़ोसी उनके घर जाते थे. बिस्तर में बीमार यशोदा को देखकर वे उनके बेटों को ख़बर करते थे.
यशोदा करीब 20 दिन पहले एक बार फिर बिस्तर पर पड़ी थी लेकिन पड़ोसियों से पहले उसके घर उनके बेटे पहुंच गए. दरअसल, यशोदा को रमन सिंह के हाथों मोबाइल मिला. इससे उसकी ज़िंदगी आसान हो गई. अब उसे किसी तरह की परेशानी होती है तो वो फट से अपने बच्चों को फोन कर देती है. मोबाईल मिलने के बाद उसे अपने स्वास्थ्य के बारे में काफी जानकारियां मिल जाती हैं. अब उसके चेहरे पर मुस्कान रहती है. छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को यशोदा धन्यवाद कहते नही थक रही है.
मोबाइल अकेली नहीं है. बल्कि ऐसे कई लोग जिनकी ज़िंदगी रमन सिंह के मोबाइल ने आसान बना दी है. यहीं के रिक्शा चलाने वाले गणेश राम निर्मलकर की दो बेटियां हैं. जो शादी के बाद ससुराल चली गई हैं. पहले बात करना बेटियों से आसान नहीं था. लेकिन अब रोज़ वो अपनी बेटियों से बात कर लेता है. बेटियां उससे बात कर लेती हैं. गणेश अब अपनी कामकाजी बीवी से जब-तब बात करके उसका हाल जान लेता है. गणेश के पास जब ज़्यादा काम होता है तो देर से घर आने की बात पहले बता देता है जिससे बीवी परेशान नहीं होती. ये तो सिर्फ चंद उदाहरण हैं. जिले में ऐसे करीब 1 लाख 81 हज़ार लोग हैं जिनकी ज़िंदगी में रमन का मोबाइल बदलाव लेकर आ रहा है. जिले में 1 लाख 81 हजार लोगो को स्मार्ट फोन मिलना है.
छत्तीसगढ़ में 15 साल से भाजपा की रमन सरकार है. जिन्होने गरीब परिवारो के लिए अनेकों योजनाएं चला रखी है. रमन सरकार की महात्वाकांक्षी योजना संचार क्रांति योजना में प्रदेश में 55 लाख गरीब परिवार के लोगो को स्मार्ट फोन दिया जा रहा है. राजनांदगांव जिले में 1लाख 26 हजार ग्रामीण क्षेत्रों में दिए गए हैं जबकि 23 हजार 668 कॉलेज के युवाओं को स्मार्ट फोन व 30 हजार 920 शहरी क्षेत्रों में दिया गया है.
सरकार की संचार क्रांति योजना का लाभ लोगों को काफी हो रहा है. गरीब परिवारों को मोबाईल मे बात करना काफी आसान हो गया. स्मार्ट फोन के मिलने से गरीब परिवार के बच्चे भी नेट चला रहे है. इससे उन्हें पढ़ाई में काफी आसानी हो रही है. मोबाइल उन बुजुर्ग महिलाओ के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ जिनके घर पर कोई नहीं रहता.
जिन महिलाओं को मोबाइल मिला है उनका कहना है कि उन्होंने कबी सोचा भी नहीं था कि कभी खुद के मोबाइल पर बात हो पाएगी, लेकिन रमन सरकार की इस योजना से उनकी जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला दिया है. स्मार्ट फोन के माध्यम से सरकार की जन कल्याण योजना से सीधे जानकारी मिल रही है. जागरुक महिलाएं मानती हैं कि अब प्रदेश की महिलाएं सुरक्षित भी रहेगी. साथ ही महिलाओं के साथ कोई अप्रिय घटना होने पर मौके पर कॉल करके पुलिस को बुला सकते हैं. अब हर गाँव और अंतिम व्यक्ति के साथ परिवार भी डिजिटल युग से जुड़ चुका है.
संचार क्रांति योजना ने कैसे बदली जिंदगी?
राजनांदगांव की 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला सदन बाई का कोई संतान नही है. वो अपने भतीजे के साथ रहती है और भतीजे और बहू बाहर काम में जाते हैं. वे घर पर अपने छोटे-छोटे नातियों के साथ रहती है. एक दिन सदन बाई की तबियत अधिक खराब हो गई थी. जिसे पड़ोसियों ने अस्पताल मे भर्ती करवाया था और शाम को घर आने पर उनके भतीजे और परिवार वालो को इसकी जानकारी हुई. लेकिन अब हालात बिलकुल बदल गए हैं. जबसे रमन सरकार द्वारा मोबाईल मिला है सदन बाई ने अब अपने स्वास्थ की चिंता करना बंद कर दी है. जब भी कुछ स्वास्थ्य में गडबड़ी महसूस होती वह अपने भतीजे को सूचना कर देती है. इस मोबाईल मिलने पर रमन सरकार को धन्यवाद दे रही है.
इसी तरह संचार क्रांति योजना का लाभ ले रही 60 वर्षीय सुशीला की चेहरे पर मुस्कान छाई. सुशीला कुछ वर्षो से ठीक से चल नही पा रही है. उसके दो बेटे हैं जो हलवाई का काम करते हैं. बेटे अक्सर शहर से बाहर रहते हैं और देर रात लौटते हैं. जिससे बच्चों से बात कम हो पाती थी लेकिन स्मार्ट फोन मिलने से वे काफी खुश नजर आ रही हैं जब भी तबीयत ऊपर- नीचे हो तो अपने बेटों को खबर करती हैं. उनके बेटे घर पहुंच आते हैं.
सरकार ने स्मार्ट फोन का वितरण किया जिसमे इंटरनेट की सुविधा है आज के आधुनिक दुनिया मे बुजुर्ग महिला भी नेट का इस्तेमाल कर अपनी ज़िंदगी मे बदलाव ला रही है.
राजनांदगांव जिले के रहने वाली दशोदा यादव के तीन बेटे और एक बेटी है. बेटी ससुराल में और बेटे बाहर काम करते हैं. दशोदा यादव दूसरे के घरों का बर्तन साफ करती है. इस तीज पर दशोदा ने अपने लड़की को घर आने की न्यौता मोबाईल पर दिया है. दशोदा यादव पहले रात में ही अपने बेटों से मिल पाती थी. लेकिन अब अक्सर अपने बेटों से बात कर लेती है. ये सभी छत्तीसगढ सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन को धन्यवाद देती नही थक रहे हैं.
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