शिखिल ब्यौहार, भोपाल। वैसे तो हर साल ही क्रिसमस की धूम पर सियासत के रंग दिखाई देते रहे हैं। लेकिन इस बार स्कूलों में बच्चों के सेंटा क्लाज बनाने को लेकर हिंदूवादी संगठनों के साथ सरकारी तंत्र भी पहली बार मुस्तैदी दिखा रहा है। बिना अभिभावकों की अनुमति के अब सेंटा क्लाज बनाना भारी पड़ सकता है। इस संबंध में जारी आदेश के बाद प्रदेश का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है।
हिंदू संगठनों ने पत्र और बयानों के जरिए पहले की तरह ही स्कूलों में बच्चों पर जबरन सेंटा बनाने को लेकर चेतावनी जारी की। साथ ही यह भी बताया कि ऐसे ही मिशनरी स्कूलों में बच्चों का सनातन के खिलाफ ब्रेन वॉश कर धर्मांतरण की ओर धकेलने का काम किया जाता है।
वहीं, बीजेपी ने हिंदूवादी संगठनों के साथ जारी आदेश का स्वागत किया। बीजेपी प्रदेश सतेंद्र जैन प्रवक्ता का कहना है कि बिना अभिभावकों की अनुमति के किसी भी अन्य धर्म से संबंधित आयोजनों में बच्चों की अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए। देश के अन्य राज्यों में भी यही व्यवस्था लागू होने की पैरवी भी बीजेपी ने की। यह धार्मिक स्वतंत्रता के साथ धर्मांतरण से जुड़ा विषय भी है।
रविवार को सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टी पर लगी रोक, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
दूसरी ओर कांग्रेस ने मामले पर सरकार पर प्रहार किया। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने आरोप लगाया कि सत्ता में काबिज बीजेपी की नई सरकार धर्म पर राजनीति कर रही है। पहले धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर फिर मांस मटन समेत अन्य फरमान सुनाए गए। लोकसभा के चुनाव के मद्देनजर अब धार्मिक सद्भाव को खत्म किया जा रहा है। जबकि बीजेपी को यह याद रखना चाहिए कि इस देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई का नारा लगता रहा है। एक दूसरे धर्म के त्योहारों को बनाने की परंपरा ही देश की अखंडता को दर्शाता है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक