मुर्गी पालन हमेशा से ही पशुपालको के लिए एक मुनाफे वाला व्यवसाय रहा है. अण्डा और मांस उत्पादन के लिए मुर्गी पालन एक प्रमुख व्यवसाय माना जाता है. चूंकि मांस के लिए पाली जाने वाली मुर्गियां लगभग 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती हैं इसलिए यह व्यवसाय जल्द ही फलीभूत होने लगता है और कमाई शुरू हो जाती है. कई बार मुर्गी पालकों की शिकायत रहती है कि सर्दियों के मौसम में मुर्गियां काफी प्रभावित होती हैं. इसके अलावा इस मौसम में मुख्य रूप से चूजों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष सावधानी बरतनी होती है. ऐसे में आज हम आपको सर्दियों के मौसम में मुर्गियों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सावधानियां और उपाय बताने जा रहे हैं.

सर्दियों के मौसम में किस तरह रखें मुर्गियों का ख्याल

सर्दियों के मौसम में मुर्गीपालन में चूजों को ठण्ड लगने से सर्दी-खांसी की बीमारी होने का डर रहता है इसलिए सर्दियों में मुर्गियों को अधिक से अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए आप चूजों को ठंड से बचाने के लिए गैस ब्रूडर, बांस के टोकने के ब्रूडर, चद्दर के ब्रूडर, पट्रोलियम गैस, सिगड़ी, कोयला, लकड़ी के गिट्टे, हीटर इत्यादी की तैयारी चूजे आने के पूर्व ही कर लेना चाहिए. Read More – अगहन के गुरुवार : 15 खूबसूरत अल्पना रंगोली डिजाइन से करें मां लक्ष्मी का स्वागत …

जनवरी माह में अत्यधिक ठंड

इस माह में चूजा घर का तापमान 95 डिग्री फेरनहाईट होना अतिआवश्यीक है. फिर दूसरे सप्ताह से चौथे सप्ताह तक 5-5 डिग्री तापमान कम करते हुए ,ब्रूडर का तापमान उतना कर देना चाहिए की चूजें ठंढ से बचे रहें और उन्हें ठंढ ना लगे. सामान्यतः ब्रूडर का तापमान कम करते हुए 80 डिग्री फारेनहाइट तक कर देना चाहिए. Read More – ऑलिव कलर के स्विमसूट में Monalisa ने शेयर किया Photo, 41 की उम्र में दिखाई दिलकश अदाएं …

सर्दियों के मौसम में मुर्गीपालन करते समय चूजों की डिलीवरी सुबह के समय कराएं, शाम या रात को बिलकुल नहीं कराएं चूंकि शाम के समय सर्दी बढ़ जाती है. शेड के परदे चूजों के आने के 24 घंटे पहले से ही ढक कर रखें. चूजों के आने के कम से कम 2 से 4 घंटे पहले ब्रूडर चालू किया हुआ होना चाहिए.