लखनऊ- छत्तीगसगढ़ में चुनावी जीत की रणनीति तैयार करने में जुटी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य में जोगी कांग्रेस के साथ आगामी चुनाव के मद्देनजर गठबंधन का ऐलान किया है. लखनऊ में आज मायावती और अजीत जोगी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस गठबंधन का ऐलान किया है. बसपा-जोगी कांग्रेस के इस गठबंधन के तहत सीटों पर भी सहमति बन गई है. छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 35 पर बीएसपी और 55 पर जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लडे़ंगे. इस गठबंधन में अजीत जोगी सीएम पद के चेहरे होंगे.

प्रेस कांफ्रेस के दौरान अजीत जोगी ने मायावती को धन्यवाद देते हुए कहा कि- मैं इस गठबंधन के लिए मायावती जी को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने छत्तीसगढ़ में सबसे पहले हमारी पार्टी को गठबंधन के लिए चुना है. जोगी ने कहा कि राज्य में बीजेपी सरकार सत्ता, संगठन और पद का दुरुपयोग कर रही है. हम इस गठबंधन के बाद मजबूत हुए हैं. राज्य में हमारी मजबूत सरकार बनेगी.

गठबंधन के बाद अजीत जोगी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में कहा है कि बीते 15 सालों में राज्य में असंतुलित विकास हुआ है. बीजेपी के शासनकाल में गरीब और गरीब हुआ है. अमीर और अमीर बना है. संयुक्त बयान में कहा गया कि दिल्ली पर फैसलों की निर्भऱता एवं बीजेपी-कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की विवशता और निष्क्रियता के कारण, छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के हितों से सदैव समझौता होता आया है.

मायावती-जोगी की दलील है कि राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की उपेक्षा को दूर करने के लिए एक मजबूत क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और नेतृत्व की आवश्यकता है. दोनों नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ के फैसले, छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए किए जाने के पक्षधर हैं. नेताओं ने कहा कि चुनावी अभियान की रूपरेखा जल्द तय की जाएगी.

पिछले दिनों जब अजीत जोगी दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे तभी मायावती ने उनसे मुलाकात करके गठबंधन की संभावनाओं को खोल दिया था. इसके बाद चर्चा होती रही कि रायपुर में अमित जोगी और बीएसपी नेताओं के बीच गठबंधन पर सहमति बन गई थी. लेकिन मीडिया से ये बात छिपा कर रखी गई. गठबंधन की ये ख़बर कांग्रेस के लिए बेदह चिंता का विषय है. कांग्रेस ने बीएसपी के साथ गठबंधन की कोशिश की लेकिन सीटों पर बात नहीं बन पाई. इसके बाद कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया कि गठबंधन का फैसला आलाकमान करेगा. इस बीच जोगी ने अपनी कोशिशें जारी रखीं और आखिरकार उन्हें कामयाबी मिल गई. इस गठबंधन के बाद चुनाव बेदह दिलचस्प हो जाएगा.