मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के बढ़ रहे अपराधों(Crime) के चलते प्रदेश की जनता कई बार पुलिस को भी सवालों के कटघरों में खड़ा कर देती है, लेकिन प्रदेश की मुरैना पुलिस का एक नया चेहरा सामने आया है। जहां महिला पुलिस ने मानवता की मिसाल(Example of Humility) पेश की है। महिला पुलिस देर रात करीब 2:00 बजे गर्भवती महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंची।

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दरअसल महिला पुलिस देर रात करीब 2:00 बजे ड्यूटी से अपने घर वापस जा रही थी। तभी भीषण सर्दी में दर्द से कराहती हुई पैदल जारही एक गर्भवती महिला प्रती धानुक मिली। उसकी हालत और सुनसान सड़क देख महिला पुलिस ने उसकी मदद करते हुए उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जिसके बाद महिला को भर्ती कराया। इधर डॉक्टर ने फोरन पीड़ित महिला का इलाज करना शुरू कर दिया।

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वहीं डॉक्टर ने महिला पुलिस आरक्षक से कहा कि अगर आप और 10 मिनट लेट हो जाती तो जच्चा और बच्चा दोनों की जान जा सकती थी। बतादें कि, थाने पदस्थ महिला आरक्षक 1305 मानवता दिखाई जिससे एक नहीं बल्कि दो लोगों की जान बच सकी।

महिला पुलिस आरक्षक रानी सिसोदिया ने बताया कि मैं खाटू श्याम की ड्यूटी में थी वहीं से रात के करीब 1:00 या 2:00 बजे घर लौट रही थी। तभी रास्ते में ओवर ब्रिज के पास एक महिला देखी। जिसके साथ उसकी एक महिला साथी भी थी। महिला प्रेग्नेंट थी और बार-बार नीचे बैठ रही थी फिर उठ रही थी। वहां से कोई साधन भी नहीं मिल रहा था। जिसके बाद मैंने उसे पूछा कि वह कहां जा रही है पूछने पर महिला ने बताया है कि उसकी डिलीवरी होना है। जिसके बाद मेरे द्वारा उसे अस्पताल पहुंचा। जहां डॉक्टर ने कहा कि अगर 5 मिनट और देर महिला यहां पहुंचती तो समस्या हो सकती थी।

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