सुशील खरे, रतलाम। दिल्ली मुंबई रूट की सभी ट्रेनों के आवागमन को और अधिक आसान बनाने के लिए रतलाम रेलवे जंक्शन की 37 साल पुरानी रूट रिले इंटर लॉकिंग व्यवस्था यानी सिग्नल व्यवस्था अत्याधुनिक कर दी गई है। इसे आधुनिक बनाते हुए कंप्यूटराइज्ड किया गया है। जिससे दिल्ली मुंबई रूट की सभी ट्रेनों की आवाजाही अब कंप्यूटराइज्ड होगी।

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रतलाम रेल मंडल को एक अत्याधुनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली कहा जाता है, जिसमें फॉल्ट कम होते हैं और फाल्ट होने पर उसका आसानी से पता लगाकर सुधारा जा सकता है। वहीं 371 रूट वाली इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली पश्चिम रेलवे का तीसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक इंस्टॉलेशन है। जो सन 2011 में स्वीकृत किया गया था। लेकिन इसे पूरा करने में 12 साल से अधिक का समय लग गया। इसी के साथ रतलाम का सबसे ज्यादा बहु प्रतिक्षित यार्ड रीमॉडलिंग का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।

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वहीं अब मुंबई से आने वाली ट्रेनों को सीधे राजस्थान की ओर भेजा जा सकेगा। इसके साथ ही मुंबई लाईन को सात नंबर प्लेटफार्म से जोड़ा गया है। जिससे दूसरे प्लेटफार्म पर ट्रेनों का दबाव कम होगा। यह दोनों बड़े काम रतलाम रेल मंडल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जो इस साल पूरे हो चुके है।

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