शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार पर सियासत शुरू हो गई है। एमपी कैबिनेट में नर्मदापुरम संभाग से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है। जबकि इस संभाग से 11 में से 9 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। इसे लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है। कहा कि गुटबाजी का मंत्रिमंडल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नकारने उनके संभाग को निशाना बनाया। वहीं बीजेपी ने इस पर पलटवार किया है।
कांग्रेस का आरोप
2018 के मुकाबले 2 सीट का इजाफा हुआ है। नर्मदापुरम संभाग में तीन जिले आते है। दिग्गजों के बाद भी नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है। इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के चेहरे और लाडली बहना योजना पर जीते, लेकिन अब बीजेपी उन्हें ही राजनीति का शिकार बना रही है।
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पूर्व सीएम के सम्मान को बरकरार नहीं रखा- कांग्रेस प्रवक्ता
कांग्रेस नेता शहरयार ने कहा कि पहले मंत्रिमंडल में अंदरूनी लड़ाई सामने आई। नर्मदापुरम संभाग की उपेक्षा हुई। शिवराज के सम्मान को बरकरार नहीं रखा। दिल्ली से तय नाम में शिवराज समर्थकों को जगह नहीं मिली। बीजेपी के अंदरूनी खींचतान की तस्वीर जल्द सामने आएंगी।
बीजेपी का पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के पास तर्कों के अलावा कुछ नहीं बचा है। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को हार का आईना दिखाया है। मोहन सरकार का पहला मंत्रिमंडल संतुलित और शानदार है। कांग्रेस के पास तर्क राजनीति का अभाव है। सभी क्षेत्र के साथ सभी समीकरण पर काम होगा। आगे भी कैबिनेट का विस्तार होगा।
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