चंडीगढ़. पंजाब के बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने मंगलवार को राज्य में बागवानी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नए संशोधित नर्सरी नियम जारी किए. इन नियमों के तहत, नर्सरियों को टू-टू-टाइप पौधे तैयार करने के लिए दो साल का समय दिया गया है और इन पौधों को मदर प्लांट और बड स्टिक नर्सरियों में लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा इन पौधों की ट्रेसेबिलिटी करना भी नर्सरी मालिकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.

कैबिनेट मंत्री ने पंजाब सिविल सचिवालय स्थित अपने दफ्तर में नए संशोधित नियमों को जारी करने के बाद बताया कि भगवंत मान सरकार की ओर से देश में पहली बार पंजाब फ्रूट नर्सरी एक्ट, 1961 में संशोधन किया है. इस नए नर्सरी एक्ट के अधीन नर्सरी मालिकों को वायरस मुक्त पौधे तैयार करने के लिए बाध्य किया गया है. Read More – ऑलिव कलर के स्विमसूट में Monalisa ने शेयर किया Photo, 41 की उम्र में दिखाई दिलकश अदाएं …

संशोधित एक्ट के अंतर्गत नर्सरी मालिकों के लिए वायरस मुक्त पौधों की खेती करना अनिवार्य हो गया है. सब्जियों की नर्सरी संबंधी लाइसेंस अनिवार्य है लेकिन उपज का स्रोत और गुणवत्ता बीज एक्ट 1966 (1966 का केंद्रीय एक्ट 54) के अधीन नियंत्रित की जाएगी. सभी रजिस्टर्ड बाग़वानी नर्सरियों के पास इन नियमों के लागू होने की तारीख़ से एक्ट के अधीन आने वाली शर्तें पूरा करने के लिए दो सालों की समय सीमा होगी. Read More – अगहन के गुरुवार : 15 खूबसूरत अल्पना रंगोली डिजाइन से करें मां लक्ष्मी का स्वागत …

नए नियमों में, नियम-6 के बाद कुछ मदों को बदलाव किया गया है, जैसा कि लाइसेंस रद्द होने पर समर्थ अथॉरिटी या अधिकृत व्यक्ति, जिसका पद बागवानी विकास अधिकारी से कम नहीं होगा, पौधों को नष्ट करेगा. समर्थ अथॉरिटी लाइसेंसधारक को पौधों, ग्राफ्ट किए गए पौधों को उखाड़ने का आदेश देगी और इन्कार करने पर अथॉरिटी लाइसेंसधारक के पौधों को उखाड़ने या खेत को मिलाने के लिए मजदूरों या ट्रैक्टर का प्रयोग किया जाएगा.