संदीप सिंह ठाकुर,लोरमी. इन दिनों अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में अवैध इमारती लकड़ी के साथ ही जंगली जानवरों के अवैध शिकार का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही ताजा मामला वन विभाग का सामने आया है, जहां वन विभाग के कर्मचारियों ने गोंहिया जानवर का शिकार करके 35 नग हत्था जोड़ी बेचने वाले गिरोह के 4 आरोपियों को पकड़ा है. मुखबिर की सूचना पर वन विभाग ने रंगे हाथ पकड़कर क्षेत्र में गोहिंया जानवर के अवैध शिकार का खुलासा किया है।

 

बता दें गोंहिया संरक्षित प्रजाति का जानवर है, और इस गोंहिया जानवर का शिकार कर उसके लिंग को जादू टोना के लिए 4 लोगों के एक गिरोह द्वारा हन्था जोड़ी के नाम पर मोटी दाम में बेचा जाता था. वही आज सूचना मिलते ही ग्राहक बनकर वन विभाग के कर्मचारियों ने करगीकला कोटा के रहने वाले चारों आरोपियों को संरक्षित जानवर गोंहिया के 35 नग हत्था जोड़ी के साथ गिरफ्तार किया है.

जिनमें से 3 आरोपियों को लोरमी के बस स्टैंड और मुख्य आरोपी राजेश सौरा को धूमा गांव से पकड़ा गया है. हत्था जोड़ी के बिक्री को लेकर अचानकमार टाइगर रिजर्व के डीएफओ मनोज पाण्डेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बाजार में  1 हत्था जोड़ी की अनुमानित कीमत लगभग 15 से 20 हजार रुपए है। बता दें कि चारों आरोपी करगीकला कोटा के रहने वाले हैं, जो एक गिरोह के रूप में लंबे समय से क्षेत्र में तस्करी कर रहे हैं। वही चारों आरोपियों के खिलाफ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्सन एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।