देवरिया. अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने का फरमान भले पुलिस के आलाधिकारियों ने मातहतों को सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है. लेकिन जनपद के महुआडिह थाना क्षेत्र के हेतिमपुर में पुलिस चौकी से महज एक किमी दूर चावल उधोग के फेक्ट्री के आस-पास सुनसान जगहों पर संगठित अवैध लाटरी (जुए ) का कारोबार धड़ल्ले से संचालित हो रहा हैं. इसमें कहीं न कहीं स्थानीय पुलिस और थाने का इन अवैध कारोबारियों को संरक्षण मिल रहा है. जिसके चलते बेधड़क यह कारोबार चलाने में जरा सा भय नहीं हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिन में 11 बजे से बकायता महाराष्ट्र से आनलाईन सिस्टम से संचालित लाटरी का यह कारोबार आधा दर्जन लोग संगठित गिरोह बना हथियारों के बल पर संचालित करते हैं. जहां क्षेत्र के सैकड़ों युवा यहां अपना दांव अजमाने आते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई यहां लुटा घर जातें जिसके चलते धीरे-धीरे इन युवाओं में जूए की लत लग जाती और यह जूए की लत उनको अपराध के तरफ धकेल ले जाती और वे जुए में दांव लगाने के लिए पैसों के इंतजाम के लिए अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होकर चोरी छिनैती लुट आदि घटनाओं को अंजाम देने में कहीं नहीं हिचकते और धीरे-धीरे अपराधिक गतिविधियों में शामिल हो जाते जिससे परिवार सहित क्षेत्र के लिए सिरदर्द बन जाते, पहले यह कारोबार कुशीनगर के कसया और हाटा थाना क्षेत्र में संचालित होता था, लेकिन कुशीनगर पुलिस कप्तान धवल जयसवाल के खौफ से ये संगठित गिरोह कुशीनगर सीमा छोड़ देवरिया जनपद के हेतिमपुर क्षेत्र में संचालित कर रहे हैं.

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महुआ डीह थाने और हेतिमपुर पुलिस जिम्मेदार पुलिस कर्मीयों के वजह से यह कारोबार क्षेत्र में धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. कहीं न कहीं इन संगठित गिरोह को थाने का संरक्षण प्राप्त है. अगर इसकी शिकायत कोई ग्रामीण उच्च अधिकारियों से करता हैं तो उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए चौकी व थाने की पुलिस छापेमारी करती है. लेकिन इन अवैध कारोबारियों के खिलाफ कोई समुचित कार्यवाही नहीं करती जिससे सरगना सहित इन अवैध कारोबारियों का हौसला बुलंद रहता और कार्रवाई से बचने के लिए कारोबारी जगह बदलते रहते और इससे जुड़े जूवाड़ियो को मोबाइल से लोकेशन देकर जगह की सूचना दे देते और इस तरह इनका यह कारोबार धड़ल्ले से संचालित होता रहता, पुलिस को बखुबी इनके अवैध कारोबार की जानकारी रहती हैं. लेकिन चौकी व थाने की पुलिस कोई कार्रवाई इनपर नहीं करती अब देखने वाली बात यह है कि इस अवैध कारोबार पर पुलिस अंकुश लगाती या इसी तरह यह कारोबार धड़ल्ले से संचालित होता रहता, और युवा पीढ़ी इसके लत में आकर बर्बाद होकर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने पर मजबूर रहते हैं.

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