पिछले डेढ़ दशक में हिंदी कवि-सम्मेलन मंच पर हास्य कवि के रूप में उभरे कवियों में रमेश मुस्कान वो नाम है

जो अपनी मौलिकता और प्रत्युत्पन्न मति के लिये जाना जाता है

ये युवा रचनाकार हिंदी काव्य मंचों का चहेता कवि है

आई आई टी, आई आई एम. और देश की अनेक शिक्षण संस्थाओ में अत्यधिक लोकप्रिय है

रमेश मुस्कान भारत के अलावा अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, हांगकांग ,दुबई आदि देशों में भी अपनी हास्य व्यंग्य कविताओं का जादू बिखेर चुके हैं

उनकी रचनाएँ केवल हास्य की गुदगुदी ही नहीं पैदा करतीं बल्कि व्यंग्य की तीखी चुभन भी देती हैं

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