जांजगीर- अटल विकास यात्रा में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. मोदी ने कहा कि एक पुराने प्रधानमंत्री कहकर गए हैं कि दिल्ली से एक रूपया निकलता है, तो गांव पहुंचते-पहुंचते 15 पैसा हो जाता है. यह कौन सा पंजा था, जो रूपया को 15 पैसा बना देता था. रूपयों को घिसने वाला कौन था? आज रूपया तो वहीं है, लेकिन पहले 15 पैसे का काम होता था, आज सौ पैसे का काम हो रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी ने जो सपना देखा था, उस सपने का नतीजा है कि देश में तीन राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड बने. अटल जी की यह एक ऐसी सोची समझी रणनीति थी. सिर्फ और सिर्फ विकास को ही केंद्र में रखकर बाजपेयी जी ने इन तीन राज्यों का निर्माण किया था. उन सारी प्रक्रिया में कहीं दूर दूर तक राजनीति का र भी नहीं था. उस सारे निर्णय के पीछे एक मात्र उद्देश्य था कि उत्तराखंड के पहाड़ों में बसे लोगों का भला करना, झारखंड-छत्तीसगढ़ के जंगलों में बसे आदिवासियों का कल्याण करना, छोटे-छोटे शहरों को बड़े शहरों में परिवर्तित करना. मानव संसाधन की शक्ति देकर भारत की विकास यात्रा में अहम भूमिका के लिए तैयार करना. शुद्ध विचार से, नेक इरादे से इन तीन राज्यों का निर्माण हर किसी को इस बात का एहसास कराता है कि विकास के संबंध में अटल बिहारी की सोच कितनी दूरगामी और परिणामकारक हुआ करती थी.
मोदी ने कहा कि कल्पना कीजिए कि यह मध्यप्रदेश के कोने का हिस्सा बना होता. सालों तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकारें रही. अगर वहीं हाल हुआ होता, तो शायद कभी कभार किसी को भोपाल से फुर्सत मिलती तो यहां आते. पहले के मुख्यमंत्री यहां आते थे, लेकिन क्यों आते थे आप भी जानते हैं और मैं भी जानता हूं. मोदी ने कहा कि इस बारे में जितना कम बोले उतना अच्छा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद हर छत्तीसगढ़ी के दिल में भी ये भाव प्रबल हुआ कि हमें कुछ कर दिखाना है. आज उसका नतीजा है कि छत्तीसगढ़ देश में प्रगति करने वालों राज्यों में अपनी जगह बना ली है. इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ की जनता का अभिनंदन करता हूं. मोदी ने कहा कि आमतौर पर छोटे राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता का दौर बहुत चलता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग इतने समझदार है कि उनके निर्णय में कभी चूक नहीं रही, कमी नहीं रही, गलती नहीं रही. यह नागरिकों की जागरूकता, यहां की भलाई के लिए उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम है कि अफवाहों और अवरोधों के बीच, आशंकाओं के बीच, अर्नगल आरोपों के बीच, बिलो बेल्ट हरकत करने के प्रयासों का बावजूद छत्तीसगढ़ की जनता का मन नहीं डोला. यह राजनीतिक स्थिरता की ताकत है कि आज छत्तीसगढ़ अपनी इच्छा के मुताबिक फैसला ले पा रहा है. यह आप लोगों की शक्ति है कि डाॅ. रमन सिंह को दिल्ली देखकर जीना नहीं पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ को नई उंचाइयों पर ले जा रहे हैं. इसके मूल में राजनीतिक स्थिरता है. इसके मूल में छत्तीसगढ़ी लोगों का दीर्घ दृष्टिपूर्ण निर्णय प्रक्रिया है, लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा, चुनी हुई सरकार के प्रति विश्वास. दोबारा सरकार बनाने में क्या हो सकता है इसे समझाने में यहां के लोग गलती नहीं करते. बड़े शहरों की तरह.
रमन सीमित सोच वाले नेता नहीं- मोदी
नरेद्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान क्या था. जंगल, आदिवासी, आतंकवाद, नक्सलवाल यही पहचान थी. अगर खबरें आती थी तो अपहरण की, बम, बंदूक , पिस्तौल की. सिरफिरे नवजवानों के रक्तपात की. लेकिन ऐसे संकटों का भी सामना करने के लिए एक दृढ़ इच्छा शक्ति लगती है और जनता जनार्दन के प्रति समर्पण लगता है. बीजेपी ने ऐसे तमाम संकटों के बीच एक मात्र लक्ष्य रखा. उन्होंने कहा कि आपका चावला वाला बाबा अगर कोई नेता होता, तो चावल बांट कर चावल बाबा बनकर भोर की झोली भरता रहता, लेकिन बीजेपी ऐसे सीमित रहने वालों में नहीं है. रमन ऐसे सीमित सोच वाले नेता नहीं है. उन्होंने गरीब का पेट भरने के लिए चावल, नमक पहुंचाया, गरीब के पैर में जूते डाले, तो डाले, शौचालय बनाया तो बनाया,लेकिन छत्तीसगढ़ को आधुनिक बनाने के लिए, दुनिया के किसी कोने में छत्तीसगढ़ का युवा जा सके, ऐसा ताकतवार बनाने का काम किया है. यह काम इस धरती पर हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास उसकी कोई सीमा नहीं होती. हर पल नई ऊंचाईयों को पार करने का इराद होना चाहिए. एक जमाना था, जब गांव के लोग मेमंरडम देने आते थे, तो कहते थे कि इस बार पानी नहीं है, मजदूरी का काम मिल जाए. ऐसी मांगें आती थी. आज वक्त बदल चुका है. आज गांव का भी कोई आता है, तो कच्ची सड़क की मांग नहीं करता. कहता है सिंगल लाइन है, डबल लाइन कर दो. बिजली है, तो कहता है एलईडी वाली बल्ब चाहिए. हमारी चक्की हमारे गांव में चलनी चाहिए. गांव के जीवन में परिवर्तन आ रहा है. हर नागरिक के दिल में किस प्रकार के सपने आकार ले रहे हैं. अपने हक के लिए शासन के साथ जद्दोजहद नहीं करनी पड़ रही. आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इन सारी चीजों का लाभ जनता जनार्दन को मिलना चाहिए. मोदी ने कहा कि डाॅ.रमन कहते है कि आजादी के बाद जितने रोड नहीं बने, उतने रोड अभी बने. यह कैसे बने. क्या रूपए पहले नहीं थे. मंत्री नहीं थे, डिपार्टमेंट नहीं था. इंजीनियर नहीं थे, फिर भी नहीं हो रहा था क्यों. क्योंकि क्या होता था, यह सब जानते थे. उन्होंने कहा कि गरीबों को घर मिलना चाहिए. चुनाव में वायदे होते थे. गरीबी हटाने के नारे दिए जाते थे,लेकिन गरीब को घर मिलता था. अगर मिलता था तो किसे मिलना था. बाबू के प्यून को मिल जाता था. नेता के घर में सफाई करने वालों को मिल जाता था. गरीब को अपने हक के लिए रूपए पैसे बांटने मजबूर होना पड़ता था. कर्ज लेना पड़ता था, जिंदगी गुजारने मजबूर होना पड़ता था. हालत यह हो जाती कि कर्ज से पैसे लिए गए हैं. करप्शन देकर जो मकान लेता था, वह मकान भी गिरवी रखना पड़ जाता था. कर्ज के आगे घुटने टेक फुटपाथ पर आना पड़ता था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने तय किया कोई जात का न होगा, न पात का होगा. देश का हर नागरिक मेरा भाई होगा. चाहे वह आदिवासी हो, गरीब की कोख से आया हो. मेरे लिए हर कोई समान है. इसिलए योजना बनेगी तो सपनके लिए बनेगी. फायदा मिलेगा तो सबको मिलेगा. मोदी ने कहा कि जब आजादी के 75 साल होंगे देश का कोई ऐसा परिवार न होगा, जिसका अपना घर न होगा. गरीब से गरीब का भी अपना छत होगा. सबका साथ, सबका विकास . इसका मतलब यही होता है. सिर्फ अपनों को दूंगा, वोट बैंक वालों को दूंगा.चुनाव जीतता चला जाऊंगा जी नहीं. हमें तो युवाओं के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाना है. छत्तीसगढ़ के नागरिकों का छत्तीसगढ़ बनाना है. गांव का प्रधान तय नहीं करेगा कि इस मोहल्ले से वोट मिलता है, तो यहां मकान देंगे. उस मोहल्ले से नहीं मिलता नहीं बनाएंगे. ऐसा नहीं चलेगा.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि गैस-चूल्हे को लेकर पहले ऐसा लगता था कि इस पर केवल अमीरों का हक है. लेकिन क्या गरीब के घर में जहां चूल्हा जलता है. क्या वहां गैस नहीं होगा. हमने यह बंद कर दिया. हमने तय किया कि गैस का कनेक्शन अमीर को मिलेगा, तो गरीब के घर में भी होगा. अगर धुएं से तकलीफ अमीर को होती है, तो गरीब आदिवासी मां को भी धुए से मुक्ति मिलनी चाहिए. इसलिए सबको गैस कनेक्शन देने का फैसला लिया. मोदी ने कहा कि आजादी के बाद जितने गैस कनेक्शन दिएगए. उतने कनेक्शन हमने चार साल में दे दिए. मोदी ने कहा कि जो लोग 18वीं शताब्दी में जी रहे होंगे कैसे गुजारा करते रहे होंगे. बिजली नहीं थी, सूरज के हिसाब से बिजली कट रही थी. 21 वीं सदी में भी यदि 18 वीं शताब्दी की तरह जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़े, तो पुरानी सरकारें जिम्मेदार है.हम सौभाग्य योजना लेकर आए, इरादा साफ है कि इस योजना के तहत एक परिवार भी हम नहीं रहने देंगे, जिसके घर में बिजली का कनेक्शन न हो. प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान सिर्फ खेत खलिहानों तक सीमित नहीं है. उसे भी बच्चों के लिए शिक्षा चाहिए. रहने के लिए अच्छा घर चाहिए. गैस चूल्हा चाहिए. इसलिए हमने किसान का सर्वागीण विकास को मकसद बनाकर चले हैं. गांव का जीवन बदलने का संकल्प लेकर चलना शुरू किया है. बीज से बाजार तक जहां जहां सरकार की जरूरत है उसे वैज्ञानिक तरीके से, परफेक्ट प्लानिंग बनाकर काम किया है. अच्छी क्ववालिटी का बीज मिल जाए. इसलिए सरकारी तंत्र को मजबूत किया गया है.उन्होंने कहा कि जैसे शरीर की जांच होती है, वैसे ही जमीन की जांच जरूरी है. इसलिए हर जमीन की मिट्टी का लेबोरेटरी में टेस्ट कर यह पता करते हैं कि जमीन किस फसल के लिए उपयुक्त है. अकेले छत्तीसगढ़ में 13 लाख किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड पहुंच चुका है. आज आजादी के बाद देश में सबसे ज्यादा फसल किसान दे रहा है. जमीन वहीं थी, किसान वहीं था, लेकिन वैज्ञानिक तरीके से काम शुरू हुआ. फसल बीमा योजना के तहत अकेले छत्तीसगढ़ में किसानों को 13 करोड़ का भुगतान हुआ है. यह काम किसानों के जीवन में बदलाव के लिए होते हैं. हमारा लक्ष्य है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना होनी चाहिए. अगर किसान अपनी खेती के साथ पोल्ट्री, फिशरीज, शहद उत्पादन जैसे अतिरिक्त कोई भी काम करना चाहता है, उसे मदद मिलनी चाहिए. खर्च कम होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का किसान 30 साल से मांग रहा था. सरकार आई गई, किसानों की बात स्वीकार नहीं किया. आज भाषण देते हुए घूम रहे हैं. सरकार 60 साल तक चलाई है लेकिन किसानों की मांग पूरी नहीं कर पाए. किसान के जीवन को सुरक्षित बनाना, आधुनिक सिंचाई की व्यवस्था हो, वैल्यू एडीशन हो, जो कुछ भी किसान पैदा करता है, उसमें मूल्य वृद्धि हो इसलिए किसान संपदा योजना चल रही है. किसान के जीवन में बदलाव लाने का काम कर रहे हैं. देश का किसान यूरिया लेने जाता था, लाठी खाकर आता था. यूरिया के लिए हर साल राज्य सरकार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखती थी. आज देश में यूरिया के लिए कभी कतार नहीं लगती. कहीं लाठीचार्ज नहीं होता. किसान जब चाहे उतना पहुंचता है. पहले यूरिया की चोरी होती थी, हमने नीम कोटिंग किया, खेत के अलावा कहीं जा नहीं सकता. चोरी खत्म हुई, भ्रष्टाचार बंद हुआ. किसानों के उत्पादन में वृद्धि हुई.
रमन के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने बनाई पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए केंद्र सरकार हमेशा खड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि देश में हम क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में काम कर रहे हैं. केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं. जनता जनार्दन का काम इसी इरादे से हो रहा है. रमन के नेतृत्व में जो भी काम होता है, उसमें केंद्र सरकार बढ़ चढ़कर मदद करती है,क्योंकि पाई पाई का उपयोग गरीब की भलाई के लिए किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ ने संकटों से उभरते हुए अपनी पहचान बनाई है. देश में नाम बन गया है. अभी सपने और बड़े है. मंजिल ऊंची है.
जब छत्तीसगढ़ी में प्रधानमंत्री ने किया जनता का अभिवादन
अपने भाषण की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिर परिचित अंदाज में छत्तीसगढ़ी बोली में जनता का अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी ल शत-शत प्ररनाम. जम्मो संगी जम्हूरिया सियान जवान महतारी बहनी मन ल जय जोहार, जय सतनाम.आज यहां अबड़ अकन कार्यक्रम हे, सबले बड़े विषय हे अतका संख्या म किसान भाई बहिन मन के दर्शन अउ गोठ बात करे के मौका मिले हे.
रमन ने मोदी को बताया गरीबों का मसीहा
मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ परेशान था. आर्थिक स्वालंबन के लिए तरह रहा था. लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ को आर्थिक आजादी दिलाई. राज्य को मिलने वाले केंद्रीय अनुदान की राशि 32 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी कर दिया. पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ की 35 लाख बहनों को गैस सिलेंडर और चूल्हा देकर धुएं से मुक्ति दिलाई. गरीबों के लिए सपना था पक्का मकान. आज छत्तीसगढ़ के लाखों परिवारों का सपना पूरा हुआ. आने वाले 2022 तक छत्तीसगढ़ में किसी के सिर पर कच्चा मकान नहीं होगा. छत्तीसगढ़ के हर पारे, टोले, मंजरे में हर व्यक्ति के घर अंधेरा नहीं होगा. हर घर में रोशनी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. रमन ने कहा कि 1947 से लेकर 2014 तक नेशनल हाइवे में जितने सड़कों का निर्माण हुआ, उससे दस गुना सड़कों का जाल 2014-2018 तक बिछा है. 35 हजार किलोमीटर सड़कों का विस्तार हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल किले के प्राचीर से मोदी जी ने देश की जनता से आह्वान किया था. स्वच्छ भारत के लिए. छत्तीगढ़ शत प्रतिशत ओडीएफ हो गया. गरीबों के मसीहा, किसानों की चिंता करने वाले मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का न केवल संकल्प लिया है, बल्कि उसका क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया है. मोदी ने समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की. देश के इतिहास में आज तक समर्थन मूल्य में 200 रूपए की कभी भी वृद्धि नहीं हुई थी. लेकिन प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया.