रायपुर. सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन, विधि और विधायी (निर्वाचन) कार्य विभाग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ रायपुर को पदोन्नति चैनल नहीं बनाए जाने के संबंध में उच्च न्यायालय बिलासपुर ने नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि प्रदेशभर के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय में नियमित डाटा एंट्री आपरेटर जो 8-10 साल से पदस्थ हैं. सेवा भर्ती नियम एवं सेवा शर्तें नहीं बनाए जाने के कारण पदोन्नति, समयमान वेतनमान और अन्य लाभ से वंचित हैं.

छत्तीसगढ़ शासकीय डाटा एंट्री कंप्यूटर आपरेटर संघ (निर्वाचन) के प्रांतीय संयोजक दिलीप चौरसिया ने बताया कि लगातार पत्राचार/अभ्यावेदन देने के बावजूद सेवा भर्ती नियम एवं सेवा शर्त बनाए जाने के संबंध में पहल नहीं की गई. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत सेवा भर्ती नियम एवं सेवा शर्तें तथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के तहत पदोन्नत चैनल निर्मित करने एवं अन्य सुसंगत संवैधानिक लाभ के लिए तिरिथ राम, गोवर्धन चेलक, देव प्रकाश साहू, सौरभ पांडेय, राजकुमारी ध्रुव, धनंजय देवांगन, मुकेश सिंह ठाकुर, आकाश शर्मा, परमेश्वर चक्रधारी एवं राजू कुमार जायसवाल ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट दायर की थी. सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव छत्तीसगढ़ शासन, विधि और विधायी (निर्वाचन) कार्य विभाग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छग रायपुर को 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया है.