Road: शहरों में हर दिन निकलने वाले ठोस कचरे का निस्तारण एक बहुत बड़ी पर्यावरणीय चुनौती है. इससे निपटने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाईवे निर्माण में कचरे के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है. इसके तहत आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को भी इससे जोड़ा जा रहा है. यह मिशन शहरों को ठोस कचरे के निस्तारण के लिए सहायता देने पर आधारित है. करीब दस हजार हेक्टेयर जमीन कूड़ा जमा करने वाली जगहों में फंसी है.

स्वच्छ भारत मिशन यानी एसबीएम का आकलन बताता है कि लगभग 1700 लाख टन कूड़ा 2304 डंपिंग साइटों पर जमा है, जिसे कुछ उपचार के बाद सड़क निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकता है. कई डपिंग साइटें कूड़े के पहाड़ में बदल चुकी हैं.

ज्ञापन में आगे कहा गया है, “तटबंध निर्माण में निष्क्रिय सामग्री के सफल उपयोग को देखते हुए, MoRTH ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के अनुपालन में राजमार्ग सड़क परियोजनाओं में इस उत्पन्न ठोस कचरे के वैकल्पिक इस्तेमाल की योजना बनाने का फैसला किया है.”

पहली पायलट परियोजना दिल्ली-एनसीआर पर अर्बन एक्सटेंशन रोड और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के डीएनडी सोहना स्पर पर चलाई गई है. दूसरी पायलट परियोजना में अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे पर निष्क्रिय ठोस अपशिष्ट सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. दोनों ही मामलों में तटबंध निर्माण निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक सख्त गुणवत्ता नियंत्रण के साथ किया गया है.

कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि दैनिक आधार पर उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे का निपटान देश भर के शहरी क्षेत्रों में एक प्रमुख पर्यावरणीय चुनौती है. अनुमान के अनुसार, लगभग 10,000 हेक्टेयर भूमि डंप साइटों में बंद है.

ज्ञापन में आगे कहा गया है, सीमित भूमि उपलब्धता के कारण, ये लैंडफिल साइट अधिकतम क्षमता तक पहुंचने के कगार पर हैं और गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा करती हैं. मसौदा दस्तावेज के अनुसार, MoRTH ने देश भर में हरित क्षेत्र परियोजनाओं सहित राजमार्गों के बड़े पैमाने पर विकास का काम किया है. राजमार्गों के तटबंध निर्माण के लिए भारी मात्रा में मिट्टी की जरूरत होती है, जिसे कभी-कभी कृषि क्षेत्रों से लेना पड़ता है.

यह ध्यान दिया गया कि टिकाऊ राजमार्ग निर्माण की जरूरत है जिसका सामग्री को हासिल करने में पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर कम से कम असर पड़े. दस्तावेज में कहा गया है कि देश में राजमार्गों और अन्य सड़कों के तटबंध निर्माण में संसाधित अकार्बनिक ठोस कचरे के इस्तेमाल की जरूरत है.