अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के आदिवसी बाहुल्य शहडोल जिले में मासूम बच्चों को गर्म सलाखो से दागने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अंधविश्वास में एक और बच्ची की जान चली गई। 3 साल की बच्ची को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया। जिसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया।
यह पूरा मामला अनूपपुर जिले के राजेंद्रग्राम के ताराडांड गांव का है। जहां 3 माह की बच्ची दुर्गेश्वरी को 51 बार गर्म सलाखों से दगवाया गया था। मासूम को किसी और ने नहीं बल्कि उसके माता-पिता ने ही गांव की ताई से दगवाया था। बच्ची को निमोनिया के चलते सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। गर्म सलाखों से दागने के चलते बच्ची की हालत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे शहडोल के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।
12 दिन में तीन बच्चों की मौत
आपको बता दें कि शहडोल जिले में बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। इस वजह से उपचार के दौरान कई मासूम दम भी तोड़ चुके हैं। हाल में बच्चे को दगवाने वाली मां, दादा सहित दागने वाली गांव की ताई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दगना प्रथा के चलते पिछले 12 दिन में 3 बच्चों की मौत हो चुकी है।
प्रशासन नहीं उठा रहा ठोस कदम
गर्म सलाखों, चूड़ियों और सुइयों से जलाने से कई बच्चों की जान आफत में आ चुकी है। इसके बावजूद अंधविश्वास थमने का नाम नहीं ले रहा है। बच्चों के परिजन लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसे लेकर शासन-प्रशासन जनजागरूकता अभियान चलाने की बात तो करता है, लेकिन इसके रोकथाम के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिसके चलते आए दिन मासूम बच्चों की बच्चों की जानें जा रही हैं।
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