9 महीने पूरे करने के बाद बच्चा जब जन्म लेता है तो वह स्वस्थ रहता है लेकिन जब बच्चा 9 महीनों से पहले ही जन्म ले ले तो उस बच्चे को प्री-मैच्योर (Premature) कहा जाता है. इस तरह के बच्चों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह से पहले अगर प्रसव या डिलिवरी हो तो उसे समयपूर्व डिलिवरी (premature child birth) माना जाता है. इस समय तक गर्भ में बच्चे का विकास होता रहता है. ऐसे में अगर बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाए, तो उनकी ग्रोथ ठीक तरीके से नहीं हो पाती और इसी के चलते बच्चे को कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का खतरा हमेशा बना रहता है.

सर्दियों का मौसम प्री-मैच्योर (Premature) बच्चों के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है. इसीलिए, ठंड के मौसम में जन्म लेने वाले बच्चों का ख्याल रखने और उनकी केयर करने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है. जन्म के बाद और हॉस्टिपटल से घर आने के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करनी चाहिए, उसी से जुड़ी कुछ टिप्स और सावधानियों के बारे में आज हम आपको बताएंगे. Read More – ऑलिव कलर के स्विमसूट में Monalisa ने शेयर किया Photo, 41 की उम्र में दिखाई दिलकश अदाएं …

बच्चे को ठंड से बचाएं

प्री-टर्म बच्चों या समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों को ठंड लगने का डर अधिक होता है. इस स्थिति तो हाइपोथर्मिया कहा जाता है. इसलिए बच्चे को हमेशा नर्म-सूती कपड़ों में लपेटकर रखें और उन्हें मोजे-दस्ताने पहनाएं.

बच्चे को रखें अपने पास

छोटे बच्चों को मां जितना हो सके अपने पास रखे. बच्चे और मां के बीच के रिश्ते को स्ट्रांग बनाने के लिए स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट को महत्वपूर्ण बताया जाता है. इस तरह से बच्चे की देखभाल करने को कंगारू मदर केयर के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह कंगारू अपने बच्चे को हमेशा अपने पास रखते हैं, उसी तरह बच्चे को जितना हो सके अपनी गोद में रखें या अपने पास लिटाकर रखें. इससे बच्चे का ब्रेन डेवलपमेंट होता और उसका वजन भी बढ़ेगा. साथ ही बच्चे के मन से डर भी कम होगा.

ब्रेस्टफीडिंग कराएं

बच्चे की अच्छी हेल्थ और सम्पूर्ण विकास से के लिए उसे ब्रेस्टफीड कराएं. मां द्वारा स्तनपान कराने से बच्चे का विकास तेजी से होगा और हर 2-3 घंटे बाद उसे दूध पिलाएं. दिन में 8-10 बार बच्चे को फीड करें. इसी तरह अगर आप फॉर्मूला मिल्क पिला रहे हैं, तो वहां भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार हर 2 घंटें में बच्चे को दूध पिलाना ना भूलें. Read More – अगहन के गुरुवार : 15 खूबसूरत अल्पना रंगोली डिजाइन से करें मां लक्ष्मी का स्वागत …

धूप में रखनाधूप से बच्चे को विटामिन D मिलता है, जो उसके विकास के लिए आवश्यक है. इसलिए, बच्चे को धूप में रखें. लेकिन ध्यान रखें कि बच्चे को सीधे धूप में न रखें. बच्चे को धूप में रखने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं. बच्चे को सुबह या शाम को धूप में रखें. बच्चे को एक छाता या छतरी के नीचे रखें।बच्चे को सूरज से बचाने के लिए बेबी क्रीम या लोशन लगाएं.

नींद पर्याप्त होने दें

जैसा कि छोटे बच्चों के लिए 16 घंटे तक की नींद जरूरी होती है, ऐसे में बच्चे को जितना हो सके उतनी देर सोने दें. इस बात का पूरा ख्याल रखें कि, बच्चे का बिस्तर नर्म और आरामदायक हो. उनके लिए गद्दे की बजाय कॉटन का कपड़ा और नर्म चादरों का इस्तेमाल करें. बच्चे का कमरा शांत, साफ और अंधेरे वाला रखे ताकि बच्चे को ठीक तरह से सोने में कोई परेशानी ना हो. इसके साथ ही इन बातों का ध्यान रखें. बच्चे को छूने से पहले हाथ पानी और साबुन से धोएं. बच्चे के कपड़े-बिस्तर साफ रखें और उन्हें धूप में सुखाएं. जरूरी ना हो तो बच्चे को घर के बाहर ना ले जाएं.