बिलासपुर। हाईपावर कमेटी के निर्णय के खिलाफ याचिका की तैयारी करने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) पार्टी के मुखिया अजीत जोगी का बिलासपुर पहुंचे.  यहां अजित जोगी ने अपने वकील डा. निर्मल शुक्ला से मुलाकात की और कुछ कागजों पर हस्ताक्षर किए.

बातचीत में उन्होंने कहा कि जनता कांगेस पार्टी की तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता से परेशान होकर दोनों पार्टी के नेता एक होकर टीम ए-और-बी की तरह काम कर रहे है.. अब तक हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट से 6 बार जाति के मामले मेरे पक्ष के फैसला आया है और आगे भी मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. जो फैसला आएगा मैं उससे सहमत हूँ.

माना जा रहा है कि अगले हफ्ते के शुरु में जोगी अपनी याचिका दायर कर  देंगे. गौरतलब है कि कलेक्टर बिलासपुर को संतकुमार नेताम की तरफ से आगे की कार्रवाई की याचिका दे दी गई है. दूसरी तरफ अब उनकी जाति के मामले की आंच उनके बेटे विधायक अमित जोगी पहुंचने लगी है. हाईकोर्ट में नंदकुमार साय ने उनके खिलाफ याचिका लगाई है तो हाई पावर कमेटी में संत कुमार नेताम ने शिकायत कर दी है. इन परिस्थियों में जोगी फैसले के खिलाफ स्टे लेने की कोशिश करेंगे.

जोगी ने कहा कि  ए-और-बी टीम दोनों पहले से ही साथ-साथ है लेकिन मेरे खिलाफ खुलकर विरोध के मैदान पर उतर गए है. ये जो बी-टीम है वो तो पूरी तरह अप्रासंगिक हो गई इसलिए उनका कोई वजूद नहीं बचा है. और जो ए-टीम है वे केवल पैसे के दम और सत्ता के दम पर चल रही है. लेकिन इस बार “जनबल” बताएगा की “धनबल” का कोई महत्व नहीं है..

जोगी ने राष्टीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय के अजित और अमित जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज के बयान पर चुटकी ली और सलाह देते हुए बोले कि एक सवैधानिक पद की मर्यादा होती है. पद का वजन होता है उसे बरकरार रखना चाहिए

इन पदों पर बैठने के बाद गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. जिसमे राज्यपाल, राष्टपति, कंट्रोलर ऑडिटर ऑफ जनरल जैसे विभिन्न पद शामिल है. लेकिन पद का हल्का पन दिखाना शायद मरवाही चुनाव में मेरे  खिलाफ जमानत जब्त होना बर्दाश नहीं कर पा रहे है.