नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन ईवीएम को लेकर अपनी शंकाएं-आशंकाएं जताने लगा है. ईवीएम पर बात आगे नहीं बढ़ता देख कांग्रेस ने अब वीवीपैट को जरिया बनाकर चुनाव आयोग को घेरने में लगी है. इस संबंध में कांग्रेस के जयराम रमेश ने चुनाव आयोग के सदस्यों के साथ बैठक की मांग की. इसे भी पढ़ें : ड्राइवर यूनियन की हड़ताल : हिट एंड रन को लेकर बने कानून का विरोध तेज, स्कूल बस और मालवाहक गाड़ियों को रोक रहे प्रदर्शनकारी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने पत्र में कहा कि बड़ी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण को “सामान्य” बताते हुए कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद आईएनडीआईए गुट के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ कोई सुनवाई या बैठक नहीं की गई. चिट्ठी में कांग्रेस नेता ने टाइम नहीं दिए जाने पर चिंता जताई है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में जयराम रमेश ने कहा कि 20 दिसंबर, 2023 को हमने पिछले दिन आयोजित आईएनडीआईए दलों के नेताओं की बैठक में पारित एक प्रस्ताव के आधार पर ‘वीवीपीएटी के उपयोग पर चर्चा करने और सुझाव देने’ के लिए ईसीआई के साथ मिलने के लिए समय देने का अनुरोध किया था. हम ईसीआई से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक ऐसा करने में सफल नहीं हुए हैं.

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दरअसल, इंडिया गुट की पार्टियों के समूह ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया है कि कि हमारा सुझाव सरल है. वीवीपैट पर्ची को बॉक्स में गिराने के बजाय, इसे मतदाता को सौंप दिया जाना चाहिए, जो अपनी पसंद को सत्यापित करने के बाद इसे एक अलग मतपेटी में रखेगा. वीवीपैट पर्चियों की 100% गिनती की जानी चाहिए.

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रमेश ने कहा कि मैं एक बार फिर आईएनडीआईए गुट के दलों के नेताओं की 3-4 सदस्यीय टीम को आपसे और आपके सहयोगियों से मिलने और वीवीपैट पर अपना दृष्टिकोण रखने के लिए कुछ मिनट का समय देने का अनुरोध करता हूं. निश्चित रूप से यह बात पूरी तरह से उचित और कानूनी है.