पुरखों के बलिदान के बाद पूरा हुआ रघुकुल का वचन, 500 वर्ष बाद क्षत्रिय पहन सकेंगे जूते और पगड़ी
रघुकुल रीत सदा चल आई, प्राण जाए पर वचन न जाई।। इस पंक्ति को कलयुग में साबित करके दिखाया है इन सूर्यवंशी क्षत्रियों ने...
क्षत्रियों की मर्यादा उनकी वचनबद्धता अगर साक्षात रूप में देखनी है तो अयोध्या से सटे उन 105 गांवों में जाकर देखी जा सकती है.
राम मंदिर पर हमले के बाद इन सूर्यवंशी क्षत्रियों ने जूते और पगड़ी का त्याग करने का वादा किया था...
वचन लिया था कि जब तक मंदिर पुनः नहीं बन जाता वो जूता पगड़ी धारण नहीं करेंगे
अयोध्या के आस-पास स्थित 105 गांवों के सूर्यवंशी क्षत्रिय अपना वादा पिछले 500 वर्षों से निभा रहे थे,
उनका वादा पूरा हुआ. अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है. अब वह क्षत्रिय जूते और पगड़ी पहन सकेंगे
पीढ़ी दर पीढ़ी इन्हीं के संघर्षों और बलिदानों की बदौलत आज सनातन धर्म फिर से पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है