सुशील खरे, रतलाम। मोदी चाहते हैं की साधु संत ताली बजाए और प्रधानमंत्री नमस्कार करें। अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार हो, ऐसे आयोजनों में मैं क्यों जाऊं। राम मंदिर में पूजन को लेकर उड़ीसा जगन्नाथ पुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आज रतलाम में बड़ा बयान दिया है। 

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शंकराचार्य ने कहा कि राम मंदिर पर जिस तरह की राजनीति हो रही है, वह नहीं होना चाहिए।स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि मुझे जो आमंत्रण मिला है उसमें लिखा है कि आप और आपके साथ सिर्फ एक व्यक्ति आ सकता है जिस कारण में नहीं आऊंगा। उन्होंने कहा इस समय राजनीति में कुछ सही नहीं है। साथ ही शंकराचार्य का कहना है की ज्यादातर धर्म स्थलों को पर पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है इस तरह से भोग विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है ये ठीक नहीं है। 

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वहीं एक सवाल के जवाब पर शंकराचार्य का कहना था सभी के पूर्वज दुनिया में चाहे कोई भी धर्म मोहम्मद साहब या ईशामसीह सभी के पूर्वज सनातनी ही थे। स्वामी सरस्वती जी अनिल झालानी और सनातन धर्म समाज के एक बड़े धार्मिक आयोजन आयोजित कर रहा उसमे भाग लेने प्रवचन देने आए हैं। 

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