एनआरआई सभा पंजाब के आज चुनाव हैं। जालंधर में मतदान शुरू हो गया है। शाम तक परिणाम आ जाएगा। एनआरआई सभा पंजाब को नया प्रधान मिल जाएगा। एनआरआई सभा कार्यालय में सभा के सदस्य वोट करने पहुंच रहे हैं। मैदान में तीन उम्मीदवार जसवीर सिंह गिल, कमलजीत सिंह हेयर और परविंदर कौर है।

जिला प्रशासन की ओर से चुनाव की तैयारियां पूरी की गई। चुनाव के लिए 70 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है और मतदान सुबह नौ से शाम पांच तक होगा। पांच बजे के बाद गिनती होगी। बैलेट पेपर के जरिए मतदान हो रहा है।

एनआरआई सभा पंजाब 1996 में चर्चा में आई थी, जिसे 1998 में रजिस्टर कराया गया था। 1997 में जब पहली बार सभा के चुनाव हुए तो एडवोकेट प्रेम सिंह सर्वसम्मति से प्रधान बने, तब सदस्यों की संख्या 300 के करीब थी।

एनआरआई को समस्याएं आने लगी तो सभा उन्हें हल करवाती थी, जिसके बाद सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ती गई। वर्तमान में 24 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य हैं जो चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे।

एनआरआई सभा के प्रधान पद का कार्यकाल दो साल का होता है। 2010 में पहली बार चुनाव हुए, जिसमें 2200 के करीब वोटिंग हुई थी। उस समय कमलजीत सिंह चुनाव लड़कर सभा के पहले प्रधान बने। इससे पहले 1997 से 2008 तक 5 बार चुनाव हुए, जिसमें सर्वसम्मति से प्रधान चुने गए थे।

पांच साल नहीं हुए थे चुनाव


साल 2015 से 2020 तक तकनीकी कारणों से सभा पहली बार बिना प्रधान के रही और सारा कामकाज प्रशासन के जरिये सरकार के नुमाइंदे खुद देख रहे थे। वहीं 27 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले सदस्य ही 2024 के चुनाव में मतदान कर सकते हैं। अब जो नए सदस्य बनेंगे वो 2026 में होने वाले चुनाव में मतदान कर पाएंगे। सभा के प्रधान पद का चुनाव लोकसभा सदस्य के चुनाव की तरह होता है और जिला प्रशासन की देखरेख में चुनावी प्रक्रिया संपन्न होती है। सभा का सदस्य बनने के लिए पहले सदस्य से 10500 और दूसरा सदस्य बनने पर 5500 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस लगती है।