शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बिना अनुमति के संचालित बालिका गृह से 26 बच्चियों के गायब होने की सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद न सिर्फ पुलिस ने FIR दर्ज कर लिया है, बल्कि राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है।
बताया जाता है कि बालिकागृह में 68 बच्चियों के रहने की एंट्री थी और मात्र 41 बच्चियां ही मिली। बालिका गृह में गुजरात, झारखंड, राजस्थान, के अलावा मध्यप्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट के बच्चे थे। बालिका गृह बिना अनुमति के चलने के कारण पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा है। बालिका गृह भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित है।
एंट्री गेट पर बना हुआ चर्च
अवैध रूप से संचालित आंचल बालगृह में ताला लटका मिला। आंचल बालिका छात्रावास में कोई मौजूद नहीं है। ताला लगाकर प्रबंधन और स्टॉफ फरार हो गया है। आंचल बालगृह से पुलिस ने रेस्क्यू कर दूसरे बालगृह में 41 बच्चियों को शिफ्ट किया है। बच्चियों की उम्र 06 साल से लेकर 18 साल तक बताई गई है। सुनसान इलाके में खेतों के बीच आलीशान आंचल बालिका छात्रावास बना हुआ है। कई एकड़ में फैला है। एंट्री गेट पर ही बना चर्च हुआ है। आंचल बालिका छात्रावास में मिली 41 बच्चों के परिजनों की जानकारी नहीं मिली है। 26 लापता बच्चियों की भी प्रबंधन नहीं दे पाया कोई पुख्ता जानकारी। मामला धर्मांतरण या मानव तस्करी से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि छात्रावास गैरकानूनी और अवैध रूप से संचालित था। छात्रावास अजय मैथ्यू नाम का शख्स चला रहा था। अजय रेलवे चाइल्ड लाइन के लिए बेसहारा बच्चों के लिये काम करता है।
यह शर्मनाक घटना–सज्जन वर्मा
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा बोले जब-जब भाजपा की सरकार रहती है इस तरह के अवैध बाल संरक्षण गृह तेजी से उभरते हैं।धर्मांतरण के साथ-साथ मानव तस्करी का घिनैना खेल होता है। अनैतिक कार्यों की भरमार होती है। भाजपा के राज में गौ माता के स्लॉटर हाउस की संख्या भी बढ़ती है। धर्म के नाम पर राजनीति भाजपा करती है और उनके शासनकाल में ही ऐसी गतिविधियां होती हैं, यह शर्मनाक है।
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