रायपुर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को जेल ले जाने में पुलिस को पसीने छूट गए. दो दो एएसपी ने मोर्चा संभाला लेकिन उसके बाद भी करीब एक किलोमीटर का सफर पुलिस एक घंटे से ज़्यादा समय में पूरा कर पाई. पुलिस के साथ कांग्रेस कार्यक्रताओं ने जमकर झूमाझटकी की.
भूपेश द्वारा ज़मानत की मांग नहीं करने के बाद कोर्ट ने जैसे ही उनको जेल भेजने का आदेश सुनाया. कोर्ट परिसर में मौजूद उनके समर्थकों ने नारेबाज़ी शुरु कर दी.भूपेश को पुलिस अपने साथ जेल जाने के लिए नीचे आई. यहां भूपेश के समर्कों ने उन्हें घेर लिया. उसके बाद कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की शुरु कर दी. भूपेश बघेल खुद इसके शिकार हो गए. वो गिरते-गिरते बचे. लेकिन इसके बाद भी कार्यकर्ताओं का आक्रोश कम नहीं हुआ.
किसी तरीके से भूपेश को गाड़ी में पुलिस ने बिठाया तो कार्यकर्ताओं ने गाड़ी घेर ली. गाड़ी के ऊपर बैठ गए. वे गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे. कड़ी सुरक्षाव्यवस्था के बीच गाड़ी पुलिस ने धीरे-धीरे आगे बढ़ानी शुरु की. लेकिन यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ता गाड़ी के बोनट. उसकी रुफ पर बैठ गए.
किसी तरीके से गाड़ी सड़क पर आई. रुफ पर इतने सारे कार्यकर्ता बैठे थे कि गाड़ी की रुफ टुटने लगी. जब भूपेश की नज़र उस पर गई तो उन्होंने गाड़ी में बैठे पुलिसवालों को सतर्क किया. भूपेश ने उसके बाद कार्यकर्ताओं को उतरवाया. गाड़ी आगे बढ़ी लेकिन पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी चलती रही. जब गाड़ी कचहरी चौक पहुंची तो कार्यकर्ता रांग साइड से जेल की ओर बढ गए. पुलिस ने रांग साइड न जाकर गाड़ी को तेज़ी से शास्त्री चौक की ओर मोड़ दिया. गाड़ी तेज़ी से आगे बढी तो कार्यकर्ताओं ने दौड़कर गाड़ी को घेर लिया. उसके बाद गाड़ी की चाभी किसी ने निकाल ली.
पुलिस को भूपेश बघेल को दूसरी गाड़ी में बिठाना पड़ा. उसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता भूपेश की गाड़ी के आगे नारेबाज़ी करते-करते निकल गए. जेल परिसर में भी कांग्रेसियों का प्रदर्शन जारी रहा. जब रात करीब पौने सात बजे पुलिस भूपेश को जेल के अंदर ले जा पाई. जब कांग्रेसी जेल की गेट पर खड़े हो गए तब भूपेश ने कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़कर वापिस चले जाने को कहा. भूपेश के अंदर दाखिल होते ही उनके समर्थक जेल की गेट पर बैठ गए. वे नारेबाज़ी करने लगे.