रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने लल्लूराम डॉट कॉम के निशानेबाज़ वैभव बेमेतरिहा से बातचीत में छत्तीसगढ़ के नव नियुक्त प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया की नियुक्ति पर कहा कि दिल्ली वाला यहां क्या करेगा. उन्होंने कहा कि पुनिया से उनकी पुरानी पहचान हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में काम करने वाला कांग्रेस का नेता कौन है.
जोगी ने अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि मरवाही के 2003 के चुनाव में नंदकुमार साय की ज़मानत ज़ब्त हो जाती लेकिन उन्हें एक बीजेपी के बड़े नेता ने फोन करके बीजेपी की इज़्जत बख़्शने की गुज़ारिश की जिसके बाद उन्होंने खुद बस्ती बहरा जाकर बीजेपी को वोट दिलाए. तब जाकर नंदकुमार साय की ज़मानत बची.
जोगी ने कहा कि इससे पहले 1998 के चुनाव में भी वे नंदकुमार साय को उनके गृह जिले रायगढ़ में हरा चुके हैं. इसी बात की खीज़ है कि वो बार-बार उनकी जाति का मसला उठा रहे हैं. जोगी ने नंदकुमार साय को चुनौती दी कि वे फिर से चुनावी समर में उनके साथ ज़ोर आज़माईश कर लें. जंग ए चुनावी मैदान कौन सा होगा ये साय खुद तय कर लें.
साय पर जोगी ने कहा कि उनकी वजह से छत्तीसगढ़ को पांच आदिवासी सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ के हिस्से में पांच और सीटें दिलाने का आश्वासन ले लिया था. बस इसके लिए नंदकुमार साय को सीएम के साथ दिल्ली जाना था लेकिन नंदकुमार साय नागपुर के दबाव में पीछे हट गए. जबकि झारखंड को उसके हिस्से में कुछ और सीटें मिल गईं.