पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब विधानसभा से पास तीन अहम विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इनमें एक विधेयक इंडियन स्टांप (पंजाब संशोधन) बिल-2023 भी है। इसे मंजूरी मिलने के साथ ही पारिवारिक रिश्तों से बाहर पावर ऑफ अटॉर्नी पर 2 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगाने को भी मंजूरी मिल गई है। अब पावर ऑफ अटॉर्नी महंगी हो जाएगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि पंजाब विधानसभा की ओर से पास किए गए तीन विधेयकों को राज्यपाल ने हरी झंडी दे दी है। उन्हें आशा है कि राज्यपाल बाकी विधेयकों को भी जल्द मंजूरी दे देंगे।

मान ने बताया कि इन बिलों में रजिस्ट्रेशन (पंजाब संशोधन) बिल, 2023, तबादला मलकीयत (पंजाब संशोधन) बिल 2023 और इंडियन स्टांप (पंजाब संशोधन) बिल 2023 शामिल हैं। ये सभी बिल लोगों को तत्काल और निर्विघ्न नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए मददगार साबित होंगे।

इन विधेयकों को मिली मंजूरी

मलकीयत का तबादला (पंजाब संशोधन) बिल 2023

 इसका उद्देश्य पूरे पंजाब को इक्वीटेबल मॉर्टगेज (गिरवीनामा) की सुविधा प्रदान करना है। इससे पंजाब के खजाने को भी बकाया स्टांप ड्यूटी प्राप्त होगी। ऐसे कर्जों पर स्टांप ड्यूटी को राज्य भर में घटाकर 0.25 फीसदी किया जा रहा है, जो एक लाख के कर्ज पर केवल 250 रुपये और एक करोड़ के कर्ज पर केवल 25,000 रुपये बनता है।

रजिस्ट्रेशन (पंजाब संशोधन) बिल, 2023

 जब भी किसी राजस्व अधिकारी या सिविल अदालत की ओर से सार्वजनिक नीलामी (बोली) में जायदाद बेची जाती है, तो उस अधिकारी की ओर से एक बिक्री सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इस पर 3 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन यह बिक्री सर्टिफिकेट मौजूदा कानून के अनुसार रजिस्टर्ड नहीं है, इसलिए आम तौर पर ऐसे बिक्री सर्टिफिकेट पर न तो स्टांप ड्यूटी अदा की जाती है और न ही यह रजिस्टर्ड होता है। कानून का उल्लंघन होने के साथ-साथ सरकार को इस प्रक्रिया में करोड़ों की स्टांप ड्यूटी का भी नुकसान होता है और अदालती केस की स्थिति में खरीदार को कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस बिल के जरिये बिक्री सर्टिफिकेट को अनिवार्य रजिस्ट्रेशन योग्य दस्तावेज बनाया गया है।

इंडियन स्टांप (पंजाब संशोधन) बिल, 2023

 यह बिल पारिवारिक रिश्तों से बाहर पावर ऑफ अटाॅर्नी से संबंधित है क्योंकि मौजूदा समय में जमीन की असली कीमत जांचे बगैर ही ऐसे मुखत्यारनामे में केवल 1000-2000 रुपये स्टांप ड्यूटी लगाई जाती है। इस सुविधा का दुरुपयोग करके (बिक्री डीड पर लगाई गई स्टांप ड्यूटी को बचाने के लिए) अकसर जायदाद को पावर ऑफ अटार्नी की ओर से गैर-कानूनी तौर पर बेच दिया जाता है, जबकि पावर ऑफ अटाॅर्नी को किसी भी समय रद्द किया जा सकता है और किसी भी तरीके से इसकी कानूनी मान्यता बिक्री डीड के बराबर नहीं है। इस गैर-कानूनी अनियमितताओं को रोकने के लिए इस संशोधन के जरिये पारिवारिक संबंधों से बाहर जारी किए गए मुखत्यारनामे पर 2 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव किया गया है।