भोपाल। राजा भोज की नगरी भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर चले रहा भोजपाल महोत्सव मेला के सांस्कृतिक मंच पर भजन गायक किशन भगत ने बाबा महाकाल और प्रभु श्रीराम के भजनों की प्रस्तुति दी। किशन ने गणेश वंदना से भजनों की शुरुआत की। इसके बाद बाबा महाकाल के भजनों की प्रस्तुति दी। महाकाल की गुलामी, मुझको तो बस राम राज्य ही चाहिए, न कोई मैसेज न कोई काल, तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी, यहाँ हर गली में बसता शिवा है जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुुरुआत मुख्य अतिथि विधायक रामेश्वर शर्मा के साथ भोजपाल महोत्सव मेला अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, महेंद्र नामदेव, अखिलेश नागर के साथ ही मेला टीम ने दीप प्रज्जवलित कर की।

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कोरोना काल में बेचा करते थे मास्क

इंदौर निवासी किशन भगत ने उज्जैन के राजा से अपने गाने की शुुरुआत की थी। इसके बाद महाकाल तेरी गुलामी मेरे काम आ रही है, महाकाल का नाम जपो के साथ ही प्रभु श्रीराम की भजनों की प्रस्तुति दे चुके हैं। किशन ने बताया कि जब वे चार वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। उनकी परवरिश नानी के घर हुई। जगह मेहनत मजदूरी और छोटे मोटे काम किए। गुजारा करने के लिए हाथ ठेला तक चलाया। कोरोना काल में मास्क बेचा। बता दें कि किशन बाबा महाकाल के भक्त हैं। बाबा की सेवा, भक्ति के साथ ही उनके नाम की भजनों को गुनगुनाते रहते थे। इस दौरान उन्होंने पैसे देकर अपना पहला गाना महाकाल के राजा को रिकॉर्ड कराया। इस गाने को इतनी प्रसिद्धि मिली कि किशन ने फिर पीछे मुडकऱ नहीं देखा। इसके बाद एक से बढकऱ एक भजनों की प्रस्तुति दी। किशन आज देश भर में भजनों की प्रस्तुति दी।

मेला अध्यक्ष ने बताया कि राजभोज की नगरी में राजाभोज के नाम से होने वाले आयोजनों में प्रदेश में यह सबसे बड़ा आयोजन है। मेले में राजाभोज की 12 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। मेले में छोटे-बड़े करीब 500 विभिन्न सामग्री के स्टाल लगाए गए हैं। यहां 250 फीट लंबा स्वागत द्वार, 60 बाय 40 का भव्य सांस्कृतिक मंच और टे्रडिशनल सेल्फी जोन बनाया गया है। महामंत्री हरीश कुमार राम ने बताया कि 49 दिनों तक चलने वाले इस मेले में रोजाना 25 से 30 हजार लोग पहुंचते हैं। शनिवार और रविवार को यह संख्या करीब डेढ़ लाख होती है। मेला देखने राजधानी भोपाल के साथ ही रायसेन, विदिशा, सीहोर, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज सहित आसपास क्षेत्र से लोग परिवार सहित आते हैं।

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