माले। भारत आऊट का नारा देकर सत्ता में आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुसीबत बढ़ने वाली है. जरूरत के समय सबसे पहले खड़े रहने वाले पड़ोसी मुल्क भारत के साथ कड़वे रिश्तों पर मुइज्जू सरकार को दोषी ठहराते हुए विपक्ष अब अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है. इसे भी पढ़ें : RPF में सेक्स स्कैंडल, अधिकारियों को खुश करने 3 निरीक्षक भेजते है कांस्टेबल ?
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की पहल वहां के संसदीय अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने की है. उन्होंने मालदीव के नेताओं से मुइज्जू को कुर्सी से बेदखल करने में मदद करने की गुजारिश की है. अली अजीम ने कहा है कि हमारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) पार्टी मालदीव की विदेश नीति में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम किसी भी पड़ोसी देश को विदेश नीति से अलग-थलग नहीं करने देंगे.
टूरिज्म एसोसिएशन ने सरकार को घेरा
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मुइज्जू मंत्रिमंडल के सदस्यों की आपत्तिजनर टिप्पणी से होने वाले नुकसान को देखते हुए मालदीव की टूरिज्म एसोसिएशन ने अपने मंत्रियों के बयानों की आलोचना की है. मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने कहा है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री और भारत के लोगों के खिलाफ अपने मंत्रियों की टिप्पणी की निंदा करते हैं. भारत हमारा निकटतम पड़ोसी और सहयोगी है. इतिहास में जब भी हमारा देश संकट से घिरा तो सबसे पहले भारत की तरफ से ही प्रतिक्रिया आई है.
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भारत से माफी मांगे मालदीव सरकार
भारतीय प्रधानमंत्री पर बयानबाजी के बाद मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब का भी बयान आया है. उन्होंने मालदीव की सरकार से कहा है कि उन्हें भारत से माफी मांगनी चाहिए. अदीब ने कहा है कि राष्ट्रपति मुइज्जू को पीएम मोदी के पास जाकर इस राजनयिक संकट को सुलझाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार करने लायक नहीं है.
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